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पटना के खाजपुरा की कोरोना पॉजिटव महिला की रिपोर्ट आई निगेटिव
पटना में इलाजरत खाजपुरा निवासी 32 वर्षीय कोरोना पॉजिटव महिला की दूसरी जांच रिपोर्ट सोमवार को निगेटिव आयी है. जबकि एक दिन पहले ही जांच में वह पॉजिटव पायी गयी थी. जांच में 24 से 48 घंटे में ही अंतर पाए जाने से इस पर सवाल उठने लगे हैं. एक दिन पूर्व ही वैशाली के राघोपुर निवासी एक व्यक्ति के पॉजिटिव होने और उसकी मृत्यु के बाद जांच में निगेटिव पाए जाने का मामला सामने आया था. वह मरीज भी एम्स, पटना में ही भर्ती था. इस मामले में एम्स, पटना के डीन सह नोडल ऑफिसर डॉ नीरज अग्रवाल ने कहा कि एम्स, पटना और आरएमआरआई, पटना में किये गये दोनों जांच में महिला की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. इसलिए रिपोर्ट को लेकर कोई प्रश्न नही उठता है. उन्होंने कहा कि इसके पूर्व महिला मरीज की दोनों स्थानों पर रिपोर्ट पॉजिटीव आयी थी. डॉ अग्रवाल ने कहा कि राघोपुर मामले में अलग अलग समय मे लिए गए सैम्पल के कारण भी जांच रिपोर्ट में अंतर होने की संभावना हो सकती है. इस पर विशेषज्ञ द्वारा विचार किया जा रहा है.
बेटी को कोटा से लेकर पटना पहुंचे BJP MLA की हो सकती है फजीहत
बिहार सरकार ने प्रदेश में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक को अपनी बेटी को राजस्थान के कोटा से वापस लाने के लिए लॉकडाउन के दौरान जारी किये गये यात्रा पास की जांच के आदेश दिये हैं. बता दें कि नालंदा जिले के हिसुआ से भाजपा विधायक अनिल सिंह को कोटा से अपनी बेटी को वापस लाने के लिए यात्रा पास जारी किये जाने के कारण राज्य सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट के मुताबिक, प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों की मांग पर सभी राज्य उन्हें वापस बुलाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक बन जायेगा.
कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर के संपर्क में आये 79 लोगों की रिपोर्ट आई निगेटिव
सदर पीएचसी के डॉक्टर की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही जिले में खलबली मच गई थी. बिहार के नालंदा जिले के जिलाधिकारी, सिविल सर्जन, नगर आयुक्त समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सहित 79 लोगों का कोरोना रिपोर्ट सोमवार को निगेटिव आई है. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद प्रशासन की चिंता थोड़ी दूर हुई. बता दें कि अस्पताल के साथ ही उससे संबंधित विभागों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी सकते में आ गए. जांच के लिए डीएम, एसपी, सीएस, डीडीसी, एसडीओ समेत तमाम बड़े अधिकारियों के सैंपल लिए गए.
बिहार के गोपालगंज, लखीसराय और भागलपुर कोरोना मुक्त जिला घोषित
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के 47 जिलों को कोरोनामुक्त घोषित किया है. इन जिलों में बिहार का गोपालगंज जिला भी शामिल है. इसके अलावे बिहार के लखीसराय व भागलपुर को भी कोरोना मुक्त घोषित गया है. बता दें कि गोपालगंज जिले में पिछले 20 दिनों से एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिला है. गोपालगंज में कोरोना से ग्रसित मरीज के ठीक होने की दर भी सौ फीसदी रही है. फिलहाल जिले में एक भी कोरोना मरीज नहीं है. जिले में तीन मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. फिलहाल तीनों कोरोना मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. एहतियात के तौर पर सभी को चौदह दिनों के होम आइसोलेशन पर रखा गया है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में कुल 718 लोगों के सैंपल लिए गए थे. इन लोगों की हिस्ट्री विदेश से आने या दूसरे राज्यों से इस जिले में आने की थी. इन लोगों का सैंपल लेकर जांच के लिए पटना भेजा गया था. इन सभी लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है. इन सभी संदिग्धों ने प्रशासन के बनाए गए अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटरों पर 14 दिन का आइसोलेशन भी पूरा कर लिया है. इन सभी को अस्पतालों व क्वारंटाइन सेंटरों से छुट्टी दे दी गयी है.
संक्रमण को रोकने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे
बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकेने के लिए राज्य सरकार डोर-टू-डोर सर्वे कर रही है. इसी कड़ी में बिहार के कई जिलों में मेडिकल टीम घर-घर जाकर पल्स पोलियो की तरह सर्वे कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने यह जानकारी दी कि चार दिनों में 1.84 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है.
बिहार में मरीजों की संख्या 100 के करीब
बिहार में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 100 के करीब पहुंच गयी है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बिहार में अभी तक 96 कोरोना मरीज हैं. बीते 24 घंटे में राज्य में तीन नये केस आये हैं, और तीनों राज्य के रेड जोन घोषित मुंगेर के हैं.
बिहार में अब तक 10401 सैंपलों की हुई जांच
बिहार में अब तक 10401 सैंपलों की जांच चुकी है. राज्य में अब तक 42 मरीज कोरोना से ठीक होकर घर लौट चुके है. फिलहाल बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 96 है. पिछले 24 घंटे में 10 कोरोना के मामले में सामने आये हैं.
543 की मौत, 17265 संक्रमित
देश में सोमवार तक 543 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 17265 लोग अब तक संक्रमित पाये गये है. जबकि 2500 से अधिक लोग स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं. बीते 24 घंटे में 1553 नये केस सामने आये हैं. के इलाकों में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ आंधी चलने की उम्मीद लगाई गई है.
लॉकडाउन के बाद खाड़ी देशों से लौट सकते हैं लोग
बिहार से हुनरमंद और गैरहुनरमंद दोनों तरह के मजदूरों का पलायन बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों एवं विदेशों में होता है. कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में उत्पन्न संकट की वजह से विदेशों खासकर खाड़ी देशों में यहां से कमाने गये लोगों का बड़ी संख्या में पलायन शुरू हो गया है. एक अनुमान के मुताबिक, लॉकडाउन खत्म होने के बाद करीब पांच लाख लोग विदेशों खासकर खाड़ी देशों से आने की तैयारी में हैं. पूर्ण लॉकडाउन लागू होने के पहले तक यानी 18 से 24 मार्च तक साढ़े 12 हजार लोग विदेशों से लौटे हैं. इनमें सबसे ज्यादा खाड़ी देशों से ही लोग लौटे हैं. अगर लाॅकडाउन के बाद इतनी बड़ी संख्या में लोग विदेशों खासकर खाड़ी देशों से लौट जायेंगे, तो इसका असर राज्य के कई जिलों की समृद्धि पर भी सीधे तौर पर पड़ेगा
पटना एम्स में भर्ती कोरोना संक्रमित खाजपुरा निवासी बत्तीस वर्षीय महिला मरीज की हालत में कोई सुधर नही हुआ है. महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से उसकी स्थिति जस की तस बनी हुई है. महिला मरीज कैसे और कहाँ कोरोना से संक्रमित हुई है इसका पता भी नही चल पा रहा है. वहीं रविवार को एम्स में कुल 53 लोगों की हुई फ्लू स्क्रीनिंग में पांच मरीजो की स्थिति संदिग्ध पायी यही है जिन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.
पीएमसीएच में भर्ती कराये गये कोरोना के चार संदिग्ध
पीएमसीएच में कोरोना के चार संदिग्ध मरीज भर्ती करवाये गयें. इन्हें सर्दी, बुखार, बदन दर्द और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण हैं. फ्लू काउंटर पर स्क्रिनिंग के बाद डाक्टरों ने उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने का फैसला किया. इनका सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेज दिया गया है. इसके साथ ही यहां निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद छह मरीजों को रविवार को छुट्टी दे दी गयी. अभी तक यहां 14 संदिग्ध मरीज भर्ती थे.
ड्रोन से रखी जा रही है नजर
बिहार में लॉकडाउन के आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. 24 मार्च से लागू लॉकडाउन में अब गिरफ्तारी और एफआइआर दोनों की संख्या एक हजार के पार चली गयी है. लॉकडाउन-2 में एफआआइआर से अधिक गिफ्तारी हो रही है. रविवार को ही 36 एफआइआर हुई, जबकि गिरफ्तार 60 लोग हुये. पुलिस अपने-अपने क्षेत्र की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंस और कानून के पालन के लिए पुलिस ड्रोन की मदद ले रही है.
चार दिनों में 1.84 करोड़ की स्क्रीनिंग
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि रविवार तक बिहार में कोरोना संदिग्धों के लगभग 10401 सैंपलों की जांच हो चुकी है. इसमें कुल 96 मरीज पॉजिटिव पाये गये है. दूसरी ओर 42 पॉजिटिव मरीज स्वस्थ हो घर वापस लौट चुके हैं. उन्होंने बताया कि रविवार तक लगभग 10,27,587 घरों के डोर-टू-डोर कोरोना स्क्रीनिंग का काम पूरा हुआ. रविवार को एक दिन में 55,92,479 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गयी. इधर चार दिनों के बीच बिहार में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग में लगभग 33,86,685 घरों का डोर टू डोर स्क्रीनिंग पूरा हुआ है. इसमें लगभग 1,84,05712 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी हैं
पीएमसीएच में अब तक नहीं आया है कोई कोरोना पाॅजिटिव मरीज
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में अब तक कोरोना का कोई पाॅजिटिव मरीज नहीं आया है. इसे सुखद संयोग ही माना जा सकता है. यहां सबसे पहले कोरोना का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था. राज्य की सबसे पहली कोरोना संदेहास्पद मरीज भी यहीं आयी थी. यहां लाॅकडाउन के काफी पहले से ही रोजाना कई कोरोना संदिग्ध मरीज आते रहे हैं. लेकिन संयोग की बात रही कि अब तक जितने भी कोरोना के संदिग्ध मरीज इसके आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हुए हैं उन सबकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है. इसकी लैब में पिछले दिनों तीन पाॅजिटिव केस आये भी हैं लेकिन वे दूसरे जिले से आये सैंपल थे और मरीज कहीं और भर्ती हैं. रविवार शाम तक इसके आइसोलेशन वार्ड में एक भी कोरोना पाॅजिटिव मरीज भर्ती नहीं था.
पिछले 24 घंटे में मिले 10 मरीज
राज्य में एक दिन में सर्वाधिक 19 लोगों में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या नौ अप्रैल को हुई थी. उसके बाद 16 अप्रैल को राज्य में 11 कोरोना पॉजिटिव पाये गये. रविवार वह तीसरा दिन साबित हुआ है, जब एक दिन में 10 मरीजों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है. इसके पहले 31 मार्च, सात अप्रैल और 15 अप्रैल को एक दिन में छह-छह कोविड-19 पॉजिटिव पाये गये थे. इसी प्रकार से दो अप्रैल को पांच नये पॉजिटिव केस पाया गया था.