पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने दूसरे राज्यों में रुके बिहारियों से अपील की है कि वे जहां है, सारी कठिनाइयों के बावजूद वहीं धैर्य के साथ रुके रहें. दूसरे राज्यों की स्थानीय सरकारों से समन्वय बना कर बिहार सरकार हर संभव मदद की यथासंभव कोशिश में जुटी हुई है. बिहार में रह रहे उनके परिवार वालों से भी अपील की है कि वे अपने परिजनों को मोबाइल से संपर्क कर लाॅकडाउन के दौरान घर आने की जगह जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहने के लिए मानसिक तौर पर प्रेरित करें.
सुशील मोदी ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में रुके बिहारियों को आर्थिक मदद देने वाला बिहार देश का पहला राज्य है. अंडमान, सिक्किम से लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात तक में रुके 6.67 लाख प्रवासी बिहारियों के खाते में आपदा राहत कोष से 1-1 हजार रुपये भेजा जा चुका है. सर्वाधिक दिल्ली में 1.30 लाख, हरियाणा में 95,999, महाराष्ट्र में 72,243, गुजरात 61,944, पंजाब, 37,771, राजस्थान 26,849, तमिलनाडु 26,312, पश्चिम बंगाल 25,181 व अंडमान निकोबार में 265 प्रवासी बिहारियों के खाते में राशि भेजी गयी है. प्राप्त कुल आवेदन 13.26 लाख में से शेष बचे 6.59 लाख बिहारी प्रवासियों को भी शीघ्र राशि भेजी जा रही है.
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उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आगे कहा कि इसके अलावा 60 हजार से ज्यादा लोगों ने फोन कर बिहार सरकार से मदद मांगी हैं, ऐसे सभी लोगों से दुबारा संपर्क कर उन्हें एसएमएस भेज कर उनके बिहार स्थित बैंक खाता व आधार संख्या मांगी जा रही है. अन्य किसी को भी मदद की जरूरत है तो वे लिंक डाउनलोड कर आवेदन करें, बिहार सरकार यथासंभव मदद के लिए तत्पर है.
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सुशील मोदी ने कहा कि दूसरे राज्यों में रुके बिहारी किसी के बहकावे व फेक न्यूज के झांसें में नहीं आएं. लाॅकडाउन के दौरान किसी भी तरह से यातायात की व्यवस्था संभव नहीं है. लाॅकडाउन खत्म होने के बाद केंद्र व राज्य सरकार स्वतः रेल व बस सेवाएं शुरू करने के साथ उनकी आवाजाही की सुविधा सुनिश्चित करेगी.