पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर लाइव होते हुए सरकार से सवाल पूछा है कि जब उतराखंड में फंसे हजारों गुजरातियों को डीलक्स बस में विशेष इंतजाम करके अहमदाबाद ले जाया जा सकता है, तो बिहारियों को 21 दिनों बाद भी साधारण ट्रेन में वापस क्यों नहीं लाया जा सकता? तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे इस संदर्भ में केंद्र सरकार से बात कर कोई रास्ता निकालें.
सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बोला कि प्रवासी मजदूर भाईयों के वीडियो देखकर मैं दुखी हूं. आखिर सरकार गरीब मजदूरों को उनके घरों तक सकुशल पहुंचाने की व्यवस्था क्यों नहीं कर पा रही है? जैसे विदेशों से आये लोगों की स्क्रीनिंग कर उन्हें उनके घर तक पहुंचाया गया, उसी तरह देश के सभी गरीब प्रवासी लोगों की स्क्रीनिंग कर उन्हें भी अपने घर भेजा जाइए.
तेजस्वी यादव ने कहा कि एक छोटे से रूम में 20 से अधिक मजदूर एक साथ रहने के लिए बेबस हैं. क्या वहां की सरकारें नहीं जानती कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग कैसे हो रही होगी. 100 मजदूर एक शौचालय का प्रयोग करते है. ऐसे में उन्हें घर पहुंचाने में क्या दिक्कत आ रही है. तेजस्वी ने बोला कि हमारे कार्यालय से दिन भर में हजारों मजदूरों से बात कर उनकी मदद की जा रही है. अब उनके पास पैसा, राशन-पानी कुछ नहीं है, जिनके पास है, वो भी अपने घर लौटना चाहते हैं.
इस दौरान राजद नेता ने मांग की कि इस देश में अमीर और गरीब के लिए अलग-अलग कानून नहीं हो सकता? बिहार सरकार तुरंत गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब सरकारों से बात कर सभी बिहारियों को वापस लाये. संकट की घड़ी में हम उन्हें ऐसे नहीं छोड़ सकते. यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है.
मालूम हो कि बिहार के नालंदा और मुंगेर जिलों में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के चार नये मामले सामने आने के साथ ही प्रदेश में कुल ऐसे मामले बढ़कर 70 हो गये हैं. इनमें से एक की 21 मार्च को मौत हो गयी थी. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बुधवार को बताया कि नालंदा जिले में दो महिलाओं तथा एक पुरुष के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. तीनों लोग दुबई से लौटे एक व्यक्ति के संपर्क में आये थे.
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