पटना : बिहार सरकार ने प्रदेश में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक को अपनी बेटी को राजस्थान के कोटा से वापस लाने के लिए लॉकडाउन के दौरान जारी किये गये यात्रा पास की जांच के आदेश दिये हैं. गौरतलब है कि नालंदा जिले के हिसुआ से भाजपा विधायक अनिल सिंह को कोटा से अपनी बेटी को वापस लाने के लिए यात्रा पास जारी किये जाने के कारण राज्य सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट के मुताबिक, प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों की मांग पर सभी राज्य उन्हें वापस बुलाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक बन जायेगा. प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि निर्धारित मानदंडों के अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा पास जारी किया गया था या नहीं, इसकी जांच के लिये सामान्य प्रशासन ने आदेश जारी किया है. उन्होंने यह भी कहा कि पास जारी करने में किसी भी विसंगति का पता चलने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
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सूचना एवं जन संपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि लोगों को यह आश्वासन देते हैं कि यदि किसी के द्वारा अवैध रूप से पास जारी किया गया होगा तो प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी. नवादा जिले में हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अनिल सिंह 16 अप्रैल को राजस्थान के कोटा शहर के लिए रवाना हुए थे और शनिवार देर रात अपने पटना आवास पर लौट आये. सिंह को नवादा सदर अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा 15 अप्रैल को यात्रा पास जारी किया गया था जो कि रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
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बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सत्ता में बैठे लोगों पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा था कि महामारी और विपदा की घड़ी में भी ये लोग आम और खास का वर्गीकरण कर राजनीति कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि शनिवार को जदयू से बर्खास्त राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और तेजस्वी ने कोटा में फंसे बिहार के छात्रों का मुद्दा उठाते हुए उन्हें वापस नहीं लाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था.
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