पटना. बिहार में 18 वर्ष के 59 वर्ष तक के लोगों को कोरोना रोधी वैक्सीन का बूस्टर डोज मुफ्त में लगेगा. इस पर होने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. इसके लिए राज्य कैबिनेट ने 1314.15 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. साथ ही बिहार आकस्मिकता निधि से 583.43 करोड की राशि जारी भी कर दी गयी है. राज्य सरकार के इस फैसले से करीब छह करोड़ लोगों को लाभ पहुंचेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की हुई बैठक में कुल 26 प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी.
कोरोना वैक्सीन के प्रथम दो डोज पहले से ही मुफ्त में दिये जा रहे हैं. अब तीसरे डोज के लिए भी राज्य के लोगों को पैसा नहीं देना होगा. 60 साल से ऊपर, हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्करों को बूस्टर डोज पहले से ही फ्री दिया जा रहा है. मालूम हो कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की थी, उसके मुताबिक 18 से 59 साल के लोगों को निजी अस्पतालों में शुल्क देकर तीसरा डोज लेना था. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में दो जिलों-मुंगेर और पूर्वी चंपारण में नये मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों की स्थापना की मंजूरी दी गयी है.
इसके लिए प्रति मेडिकल कॉलेज 603.68 करोड़ के हिसाब कुल 1207.36 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है. कैबिनेट ने पावापुरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज का नाम वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान से बदल कर भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल करने की स्वीकृति दी है.उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने राज्य के सभी नगर निकायों के मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के पदों पर सीधे निर्वाचन के लिए बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम-2022 के आलोक में बिहार नगरपालिका (संशोधन) नियमावली-2022 के प्रारूप की स्वीकृति दे दी है.
खर्च सहित अन्य बातों की स्पष्टता हो जायेगी. इसके अलावा कैबिनेट ने बिहार विधान परिषद के 24 स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों के वर्ष 2022 व 2023 के उपचुनावों के मतपत्रों की छपाई के लिए पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के उपक्रम मेसर्स सरस्वती प्रेस लिमिटेड को प्राधिकृत करने की घटनोत्तर स्वीकृति दी है. इसी प्रकार से विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव में 600 बूथों पर मतदान कराने और मतगणना प्रक्रिया की लाइव वेबकास्टिंग के लिए एनआइसी को एजेंसी के रूप में काम करने की घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी.