बिहार विधानसभा परिसर में शुक्रवार को भाकपा-माले ने गुजरात के चर्चित बिलकिस बानो कांड के बलात्कारी की रिहाई रद्द करने के मामले पर प्रदर्शन किया. विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि बिलकिस बानो मामला एक ऐसा मामला था. जिसमें सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की थी. गुजरात में उन्हें जान से मारने की धमकी के कारण उच्चतम न्यायालय ने उनका मामला महाराष्ट्र में स्थानांतरित कर दिया था. लेकिन सत्ता के दुरुपयोग कर इनकी रिहाई की गयी है. माले ने बिलकिस बानो के बलात्कारियों व जनसंहारियों की रिहाई के आदेश को अविलंब रद्द करने की मांग की है.
वामदलों के सदस्यों ने आज बिहार विधानसभा परिसर में प्लैकार्ड के साथ जोरदार नारेबाजी की. प्रदर्शन में इस्तेमाल प्लैकार्ड में लिखा था बिलकिस बानो न्याय दो, नारी सम्मान का ढोंग बंद करो, प्रधानमंत्री मोदी जवाब दो!, बिलकिस बानो के बलात्कारियों और जनसंहार के दोषियों की सजा माफी रद्द करो. बलात्कारियों-हत्यारों को सजा माफी ये कैसा महिला सम्मान है?
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा की देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिलाओं के सम्मान पर भाषण दे रहे थे. वहीं दूसरी ओर गुजरात के चर्चित बिलकिस बानो कांड के बलात्कारी व जनसंहारी गोधरा उप जेल से रिहा किए जा रहे थे. इस पूरे प्रकरण ने देश को सकते में डाल दिया है. यह रिहाई एक जघन्य किस्म का अपराध है.
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प्रदर्शनकारियों ने कहा की बिलकिस बानो कांड के बलात्कारी व जनसंहारी के रिहाई को लेकर देश भर के लोगों में गुस्सा है. लोग अदालत का रुख कर चुके हैं लेकिन भाजपा सरकार महिला की अस्मत लुटने वाले, सामूहिक बलात्कार करने वाले को जेल से छोड़ रही है. वाम दल ने इस पूरे प्रकरण को मोदी सरकार और गुजरात की भाजपा सरकार की नाकामयाबी बताया.