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बेऊर जेल में रची गयी थी मुखिया नीरज व वार्ड सदस्य संजय की हत्या की साजिश, आठ लाख दी गयी थी सुपारी

एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि मुखिया और वार्ड पार्षद की हत्या का षडयंत्रकर्ता और लाइनर एक ही आरोपित है, लेकिन दोनों कांडों में अलग-अलग शूटर को इस्तेमाल किये गये हैं.

पटना. पंचायत चुनाव के दौरान हुई जानीपुर थाना क्षेत्र के फरीदपुर मुखिया नीरज कुमार उर्फ सुधीर और नौबतपुर थाना क्षेत्र के जमलपुरा वार्ड 9 के सदस्य संजय वर्मा की हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस ने बुधवार को कर दिया. इस मामले में पुलिस ने कुल सात आरोपितों को गिरफ्तार किया जबकि दो शूटर समेत तीन आरोपित अब भी फरार चल रहे हैं. जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि मुखिया और वार्ड पार्षद की हत्या का षडयंत्रकर्ता और लाइनर एक ही आरोपित है, लेकिन दोनों कांडों में अलग-अलग शूटर को इस्तेमाल किये गये हैं.

मिली जानकारी के अनुसार यह पूरी साजिश बेऊर जेल में बंद एक आरोपित ने रची है, जिसका नाम फिलहाल पुलिस ने नहीं बताया है. दोनों की हत्या चुनावी रंजीश में ही की गयी है. गिरफ्तार आरोपितों में विक्की कुमार (शूटर) रामजीचक, दीघा थाना, नौबतपुर का ओमकार (शूटर), राजकुमार (शूटर), कुंदन कुमार (जेल में बंद आरोपित का गुर्ग), नकुल कुमार (जेल में बंद आरोपित का गुर्ग), राहुल कुमार (जिसका बाइक इस्तेमाल हुआ) और फरीदपुर का पूर्व मुखिया मिथिलेश कुमार उर्फ अमिताभ (साजिशकर्ता और लाइनर) हैं.

मालूम हो कि बीते 14 दिसंबर को फरीदपुर मुखिया नीरज कुमार उर्फ सुधीर की हत्या की गयी थी और 12 दिसंबर को जमलपुरा के वार्ड पार्षद 9 के पार्षद संजय वर्मा की हत्या हुई थी. एसएसपी ने बताया कि सीसीटीवी के माध्यम से ही आरोपितों की पहचान हुई और नौबतपुर से घेराबंदी कर पहले शूटर और उसकी निशानदेही पर सभी गिरफ्तार हुए हैं.

आठ लाख और पांच लाख की दी गयी थी सुपारी

यह पूरा खेल चुनावी रंजिश को लेकर हुआ है. नीरज की हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता पूर्व मुखिया मिथिलेश उर्फ अमिताभ कुमार है. यह चाहता था कि नीरज की हत्या कराने के बाद उपचुनाव में अपने ही आदमी को खड़ा कर मुखिया बना दें और चुनाव में खर्च 17 से 18 लाख रुपये रिकवर कर लें. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बहुत ही कम 81 वोट से मिथिलेश हार गया.

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इसके बाद इसने जेल में बंद इसी के गांव का ही एक आरोपित को पांच लाख रुपये की सुपारी दे दी. तीन शूटर को सेट किया गया और नीरज की हत्या करवा दी. इससे पहले भी नीरज मुखिया की हत्या करने की कोशिश की गयी थी. इसी तरह से जमलपुरा के वार्ड सदस्य की हत्या के लिए भी बेऊर जेल में बंद आरोपित ने ही आठ लाख की सुपारी ली और दो शूटर को सेट कर उसकी हत्या करवा दी.

मिथलेश ने फर्जी तरीके से लिया था आर्म्स लाइसेंस

एसएसपी ने बताया कि मिथिलेश पर शिवहर जिले के थाने में फर्जी तरीके से आर्म्स लाइसेंस का मामला दर्ज किया जायेगा. 2013 में जेल जाने के बावजूद पूर्व मुखिया ने स्थायी पता बदलकर शि‌वहर से आर्म्स का लाइसेंस निर्गत करा लिया. यही नहीं शिवहर में रविशंकर नाम के व्यक्ति के घर पर वर्तमान पता और स्थायी पता फुलवारी बताया.

जिला प्रशासन को लाइसेंस निरस्त करने के लिए आवेदन दिया जायेगा. बेऊर जेल में बंद जिस आरोपित की बात पुलिस बता रही है, वह इनकाउंटर में मारे गये नौबतपुर का कुख्यात अपराधी मुनचुन शर्मा का राइट हैंड है. मुनचुन वह अपराधी था जो रामकृष्णानगर में एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी.

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