पटना. साइबर अपराधी काफी शातिर हैं. उन लोगों ने कई लोगों के जन-धन खातों को किराये पर ले रखा है और उसके एवज में खाताधारक को मूल जमा राशि का पांच से दस फीसदी कमीशन देते हैं. अगर पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की तो साइबर अपराधी आसानी से बच निकलते हैं और खाताधारक पकड़ा जाता है. लेकिन इस बार एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने साइबर अपराधियों के सरगना कुंदन कुमार के गिरोह के तीन सदस्यों रंजन कुमार, सुशील कुमार व प्रियरंजन को गिरफ्तार कर लिया.
कुंदन नालंदा के कतरीसराय का रहने वाला है और इसके गिरोह के सदस्यों को पिछले दिनों पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पकड़े गये तीनों सदस्य भी नालंदा के कतरीसराय के रहने वाले हैं. इन लोगों के पास से 1.40 लाख रुपये, एक बाइक, मोबाइल फोन व अलग-अलग बैंकों के 11 एटीएम कार्ड को बरामद किया है. ये एटीएम कार्ड दूसरे लोगों के खाता के नाम पर थे और इसके मालिक अधिकांश गरीब व मजदूर तबके के लोग हैं. इस गिरोह में एक दर्जन से अधिक सदस्य हैं, जो साइबर अपराध करते हैं और लोगों के खाते से रकम को किराये पर लिये गये खातों में स्थानांतरित कर देते हैं.
तीन की संख्या में रहे साइबर बदमाश वेटनरी कॉलेज के पास स्थित एटीएम के अंदर व बाहर थे. इसी बीच एयरपोर्ट थाने की पुलिस गश्ती करते हुए पहुंच गयी. उन लोगों को लगा कि पुलिस पकड़ने के लिए आ रही है, इसके बाद वे सभी भागने लगे. पुलिस ने तुरंत ही खदेड़ कर तीनों को पकड़ लिया और जब तलाशी ली तो 1.40 लाख नकद, 11 एटीएम कार्ड व मोबाइल फोन बरामद कर लिये गये. इसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि ये लोग साइबर अपराधी है. इसके बाद इन तीनों की निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने छापेमारी की. लेकिन अन्य फरार होने में सफल रहे.
साइबर अपराधी के निशाने पर गरीब रहते थे. वे लोग उनसे उनका आधार कार्ड ले लेते थे और उनके नाम पर किसी भी बैंक में खाता खुलवा देते थे. जिन गरीबों का पहले से जन-धन खाता खुला हो, उसे भी पैसे देकर अपने कब्जे में ले लेते थे. उक्त खाते का एटीएम कार्ड इन लोगों के पास होता था और इसके एवज में खाते में आने वाली रकम का पांच से दस फीसदी कमीशन भी देते थे. पुलिस को जो एटीएम कार्ड इन लोगों के पास से मिले हैं, वह जमशेदपुर, रांची, पटना, नालंदा, नवादा आदि जिलों के ग्रामीण इलाकों के लोगों के नाम पर है. कंकड़बाग इलाके से ऐसे ही मजदूर संतोष को अरुणाचल पुलिस ने पकड़ा था, जिसने दस फीसदी कमीशन लेकर खाता को साइबर अपराधियों को किराये पर दे रखा था.
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खाता व मोबाइल फोन हैक करके रुपयों की निकासी
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आइएएस, आइपीएस व अन्य अधिकारियों के फर्जी फेसबुक एकाउंट बना कर मदद के नाम पर ठगी
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फेसबुक व वाट्सएप के माध्यम से दोस्ती कर ऑनलाइन सेक्स का झांसा देकर नग्न तस्वीर की स्क्रीनशॉट निकाल शेयर करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग
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इनाम या सामान सस्ता में देने का दावा या बकाये रकम की वापसी के लिए लिंक को भेजना और क्लिक करते ही खाता से रुपये की निकासी कर लेना