बिहार में अब लहरिया कट और खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने वालों की खैर नहीं. ऐसे वाहन चालकों से अब न सिर्फ जुर्माना वसूला जाएगा, बल्कि मोटरवाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत उनका ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है साथ ही छह से 12 माह तक की जेल भी हो सकती है. इस संबंधित निर्देश बुधवार को परिवहन सचिव ने सभी जिलों के डीएम, एसएसपी और एसपी को भेजा है. इसके बाद अब राज्य भर में लहरिया कट वाहन चलाने (खतरनाक तरीके से वाहन चलाना) वालों पर अब और सख्ती बरती जायेगी.
पटना गंगा पथ पर चलेगा 24 घंटे ड्राइव
पटना के गंगा पथ पर औचक जांच कर लहरिया कट और खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई की जायेगी. विभाग ने यातायात से जुड़े सभी अधिकारियों को सख्ती से जांच करने का निर्देश दिया है. साथ ही, विभाग को इस ड्राइव में जुर्माना के साथ अन्य नियमों का पालन करते हुए चालकों पर कार्रवाई करेंगे. लहरिया कट वाहन चालकों पर कार्रवाई के लिए संबंधित पदाधिकारियों को उन वाहन चालकों की सूची तैयार करने को कहा गया है, जो आए दिन सड़कों पर लहरिया कट वाहन चलाते पाये जाते हैं.
ओवर स्पीड व तेज रफ्तार गाड़ियों से होती है अधिक दुर्घटनाएं
तेज रफ्तार एवं गलत तरीके से वाहन चलाने के कारण राज्य में हर दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. साल 2022 में ओवर स्पीडिंग के कारण 4928 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी. विभागीय समीक्षा में देखा गया है कि सड़क पर खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वाले अपनी रफ्तार की वजह से दूसरे लोगों की जान चली जाती है. वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी.
यह है नियम
खतरनाक तरीके से ड्राइविंग करने पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 184 के तहत 5000 तक जुर्माना या 6 माह से 12 माह का कारावास या दोनों का प्रावधान है. पुनरावृत्ति होने पर 10000 या दो वर्ष का कारावास या दोनों हो सकता है.
लहरिया कट वाहन चलाने वालों के विरुद्ध होगी सख्त कार्रवाई
परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि लगातार अभियान चलाकर लहरिया कट वाहन चलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में सभी जिलों के डीएम, एसएसपी, एसपी को निर्देश दिया गया है. ऐसे में विभाग लोगों से अपील कर रही है कि सभी बेहतर तरीके से वाहन चलाये. वरना जुर्माना, लाइसेंस रद्द होने तथा जेल भेजने तक की कार्रवाई की जायेगा.
नाबालिग के वाहन चलाने पर 25 हजार जुर्माना व तीन साल जेल का प्रावधान
यदि आपका बच्चा 18 वर्ष से कम आयु का है और बिना किसी लर्नर लाइसेंस के मोटर वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उस स्थिति में, आपको मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 199 ए के तहत दंडित करने का प्रावधान है. इसके लिए अभिभावकों को अधिकतम दंड के रूप में तीन साल की कैद और पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है. यही नहीं चालान मिलने के 15 दिन के भीतर इसमें वाहन मालिक-चालक को जुर्माना जमा करना होता है. ऐसा न करने पर जिला एवं सत्र न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर वसूली की कार्रवाई की जाती है.
पटना में हर दिन एक दर्जन से अधिक नाबालिगों का कटता है चालान
पटना के कोचिंग संस्थान और स्कूलों में पढ़ने वाले नाबालिग बच्चे सबसे अधिक बाइक चलाते हैं. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ट्रैफिक पुलिस के अनुसार पटना में हर दिन एक दर्जन से अधिक नाबालिग बच्चे बाइक चलाते पकड़े जाते हैं, जिसका चालान भी काटा जाता है. ट्रैफिक एसपी के अनुसार स्कूल या कोचिंग संस्थान के यूनिफॉर्म में दिखने वाले बच्चे जब भी पकड़ाते हैं, तो उनकी बाइक को जब्त कर थाने लाया जाता है और परिजनों को बुलाकर जुर्माना लगाया जाता है. इतना ही नहीं दोबारा पकड़े जाने पर परिजनों पर प्राथमिकी भी दर्ज की जाती है.
पटना में 97 फीसदी फाइन हेलमेट नहीं लगाने वालों पर
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर और पटना में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर मार्च-अप्रैल माह से इलेक्ट्रॉनिक (इ) चालान काटे जाने की शुरुआत हो चुकी है. इन शहरों में लगाये गये एएनपीआर, पीटीजेड और बुलेट कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का इ-चालान काट कर वाहन मालिक के मोबाइल पर भेजा जा रहा है. पटना में करीब 2.64 लाख उल्लंघन मामलों में 4.06 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है. इनमें 97 फीसदी यानी 3.74 करोड़ रुपये जुर्माना दोपहिया चालक या उनके सह चालक के द्वारा हेलमेट नहीं लगाये जाने से संबंधित था. इसके अलावा ट्रैफिक सिग्नल के उल्लंघन पर 12.40 लाख, ओवर स्पीडिंग के लिए 2.18 लाख, ट्रिपल राइडिंग के लिए 8.70 लाख और रांग साइंड ड्राइविंग के लिए 8.15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मुजफ्फरपुर में भी अब तक 1.50 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना किया गया है.