पटना. बिहार की राजधानी पटना में डेंगू का कहर जारी है. पटना में डेंगू के रिकॉर्ड तोड़ केस सामने आ रहे हैं. बुधवार को जिले में डेंगू के 451 नये मरीज मिले. इनमें पीएमसीएच में 121, आइजीआइएमएस में 37 और एनएमसीएच में 47 और पीएचसी व निजी अस्पतालों में 246 नये डेंगू पॉजिटिव पाये गये. इनमें दो डॉक्टर और 12 स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं. इसके अलावा दो से 13 साल तक के आठ बच्चे भी डेंगू पॉजिटिव पाये गये हैं. इसके साथ ही जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 3689 तक पहुंच गया है. पिछले एक सप्ताह में ही लगभग डेढ़ हजार डेंगू मरीज मिल चुके हैं. शहर के सभी इलाके में डेंगू से मरीज मिल रहे हैं. तीनों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 116 मरीज डेंगू वार्ड में भर्ती हैं.
करबिगहिया स्थित रेलवे के सेंट्रल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में डेंगू फीवर से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें डॉक्टरों ने डेंगू से बचाव व इलाज के बारे में जानकारी दी गयी. अपर मुख्य स्वास्थ्य निदेशक/फिजिसियन, सीएसएसएच डाॅ संजय कुमार गुप्ता ने डेंगू फीवर से बचाव व इलाज के बारे में बताया.
पटना में डेंगू के 15% मरीज ऐसे पाये गये हैं, जिनकी रिपोर्ट तो निगेटिव आ रही है, पर प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं. लक्षण भी डेंगू के ही पाये जा रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर्स लक्षणों के आधार पर इलाज कर रहे हैं. डॉक्टरों ने बताया कि पहले से बीमार चल रहे खासकर नॉन रिएक्टिव सिंड्रोम के मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है. सिविल सर्जन डॉ केके राय ने बताया कि कुछ ऐसे भी मरीज मिले हैं, जिनका प्लेटलेट्स 30 हजार तक कम हुआ, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आयी. लिहाजा एक बार रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद दूसरे या तीसरे दिन दोबारा जांच करानी चाहिए.
नगर निगम की ओर से डेंगू मरीजों की लिस्ट के अनुसार विशेष फॉगिंग करायी जा रही है. इसके लिए मुख्यालय स्तर पर रोज फोन से मरीजों से फॉगिंग होने के बारे में फीडबैक भी लिया जा रहा है. फॉगिंग व एंटी लार्वा स्प्रे के लिए 513 वैनों से रोजाना दवा का छिड़काव हो रहा है.