पटना: शहर में कोरोना संक्रमण के बीच लोगों को डेंगू और मलेरिया का डर भी सताने लगा है. राजधानी के जिस इलाके खाजपुरा में पहले कोरोना फैला, वहां अब डेंगू अपना पैर पसारने लगा है. स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना से बचाव में जुटे हैं. वहीं, लोगों का कहना है कि मच्छरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. स्थानीय लोग फॉगिंग व दवा छिड़काव की मांग कर रहे हैं. जानकारों की मानें तो अगर कोरोना की तरह डेंगू की जांच करायी जाये, तो सैकड़ों डेंगू पीड़ित लोग निकल सकते हैं. यहां बता दें कि इससे पहले आइजीआइएमएस के डीन डॉ राघवेंद्र कुमार व दो डॉक्टरों सहित 10 स्वास्थ्य कर्मियों में अब तक डेंगू की पुष्टि हो चुकी है.
शहर के कंकड़बाग, ट्रांसपोर्ट नगर, खाजपुरा, पाटलिपुत्र, श्रीकृष्ण नगर, नेपाली नगर, नाला रोड और गर्दनीबाग जैसे इलाके में डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. जानकारों की मानें, तो आठ इलाकों में करीब 80 से अधिक मरीज मिल चुके हैं. इसमें अकेले खाजपुरा के आकाशवाणी रोड स्थित मुंडेश्वरी इन्कलेव अपार्टमेंट के एक ब्लॉक व आसपास के अपार्टमेंट में एक साथ 50 से अधिक डेंगू के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है.
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इतना ही नहीं अपार्टमेंट के सोसाइटी के अध्यक्ष ने बाकायदा नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा को लिखित में पत्र लिख डेंगू बीमारी से संबंधित जानकारी दी है. जिन आठ इलाकों में डेंगू का प्रभाव है, वहां के स्थानीय लोगों की मानें तो अब तक एंटी लार्वा, फॉगिंग व ब्लीचिंग का अभियान नहीं चलाया गया. दवा छिड़काव करने वाली टीम भी अभी तक नहीं पहुंच पायी है. नतीजतन दो-तीन मुहल्लों को छोड़ बाकी मुहल्ले के लोग खुद से सफाई कार्य में जुटे हैं. वहां के लोगों का कहना है कि बरसात के कारण जगह-जगह इकट्ठे पानी में मच्छर पनप रहे हैं. अगर इस समय एंटी लार्वा अभियान नहीं चलाया गया, तो कुछ दिनों में स्थिति भयावह हो जायेगी. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya