बिहार में बाल और बंधुआ मजदूरी पर अंकुश लगाने के लिए लगातार कई तरह के अभियान चलाए जा रहे है. बावजूद इसके ईंट भट्टों में काम करने वाले मजदूरों में बाल व बंधुआ मजदूरों की संख्या अधिक है. इससे संबंधित शिकायत श्रम संसाधन विभाग को मिली है. जिसके बाद विभाग ने जिलों में तैनात अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ईंट भट्टों की जांच करें और वहां काम करने वाले मजदूरों का ब्योरा तैयार करें, ताकि शिकायत की पुष्टि हो सके.
बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जायेगा
ईंट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चों को स्कूलों तक भेजने की व्यवस्था की जायेगी, जिसकी जिम्मेदारी भी ईंट भट्टों के मालिकों को दी जायेगी कि उनके बच्चे स्कूल जायें. उनके भट्टों पर किसी तरह का काम नहीं करें. इसको लेकर समय-समय पर अचानक निगरानी करने के लिए टीम जायेगी.
मजदूरों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं
ईंट भट्टों में काम करने वाले मजदूरों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं. जांच में इसकी भी रिपोर्ट बनेगी, ताकि वहां काम करने वाले मजदूरों को विभाग की योजनाओं का लाभ मिल सके. मजदूरों के काम करने के घंटे और मेडिकल सुविधा की रिपोर्ट भट्टा मालिकों से मांगी जायेगी. वहीं, जहां पर मजदूरों के लिए श्रम नियमों का पालन नहीं किया जा रहा होगा. वहां पर भट्टा मालिकों पर नियमानुसार कार्रवाई करने की अनुसंशा विभाग को अधिकारी करेंगे.
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मजदूरों को काम के बदले राशि कैसे दी जा रही है
भट्टों में काम करने वाले मजदूरों को उनका पैसा कैसे और कितना दिया जाता है. इसका कोई रजिस्टर मेंटेनेंस होता है या नहीं. वहां काम करने वाले मजदूरों का बैंक खाता या आधार है या नहीं. इन सब बातों की पूरी डिटेल ली जाएगी, ताकि मजदूरों को आधार से जोड़ा जा सके और वो कई तरह की सरकारी सुविधाओं का लाभ ले सकें.