बिहार की सियासत पिछले कुछ दिनों से पूरी तरह गरम है. विधानसभा चुनाव 2020 के बाद एनडीए ने प्रदेश में फिर एक बार सरकार बनायी. वहीं राजद लगातार सरकार पर हमलावर है. पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल से रिहा होने के बाद राजद इस बात का दावा करती है कि जल्द ही बिहार में एनडीए की सरकार गिरेगी. इस बात का दावा शुक्रवार को राघोपुर पहुंचे तेजस्वी यादव ने भी किया. वहीं इस बीच धौरैया विधानसभा से जीते राजद विधायक भूदेव चौधरी को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजा है जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बांका जिला के धौरैया विधानसभा क्षेत्र से राजद के टिकट पर चुनाव लड़े भूदेव चौधरी को शीर्ष अदालत ने एक नोटिस भेजा है. चुनाव के दौरान आपराधिक रिकॉर्ड से जुड़े एक कांड को छिपाने का आरोप उनके उपर लगाया गया है. इस मामले ने अब गति पकड़ ली है और इसमें विधायक की सदस्यता भी खत्म हो सकती है.
इस मामले को पूर्व जदयु विधायक मनीष कुमार ने उठाया और सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि राजद के टिकट पर धौरैया सीट से चुनाव जीते भूदेव चौधरी के खिलाफ एक पुराना केस है जिसका जिक्र उन्होंने चुनाव के दौरान सार्वजनिक नहीं किया था. मनीष कुमार ने इस मामले में एक अवमानना याचिका दायर की थी. अदालत ने इस मामले को संज्ञान में लिया और राजद विधायक पर चुनावी हलफनामे में अपने उपर पूर्व में हुए इस केस को छुपाने के मामले में नोटिस भेजा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त व एचआर समेत धौरैया विधानसभा क्षेत्र की रिटर्निंग अधिकारी सहित बांका जिला पदाधिकारी को नोटिस भेजा है और सुनवाई की तिथि 12 जुलाइ तय की है. बताया जा रहा है कि भूदेव चौधरी के घर इस नोटिस को भेजा गया लेकिन डाक को रिसिव नहीं किया गया.
Posted By: Thakur Shaktilochan