22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम के तहत मोबाइल एडिक्शन पर हुई परिचर्चा, बच्चों ने पूछे कई तरह के सवाल

पटना बॉल्डविन सोफिया स्कूल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डॉ प्रतिभा सिंह ने बच्चों को मोबाइल की लत से छुटकारा दिलाने और उसके दुषप्रभाव के प्रति जागरूक किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब किसी चीज के बिना रहने पर बेचैनी होने लगे तो वह आदत नहीं, बीमारी में तब्दील हो जाता है.

पटना. तेजी से बदलते लाइफ स्टाइल का खामियाजा मौजूदा दौर में बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है. इसका नतीजा है कि आज करीब-करीब हर घर में छोटी उम्र में ही बच्चों को स्मार्टफोन की लत लग जा रही है. इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ने के साथ ही उनकी सेहत पर पड़ रहा है. स्कूली बच्चों को मोबाइल की लत से छुटकारा दिलाने और इससे शरीर पर पड़ने वाले दुषप्रभाव से अवगत कराने के लिए प्रभात खबर की ओर से संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

मोबाइल एडिक्शन पर हुई परिचर्चा

शनिवार को शहर के बुद्धा कॉलोनी स्थित बॉल्डविन सोफिया स्कूल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डॉ प्रतिभा सिंह ने बच्चों को मोबाइल की लत से छुटकारा दिलाने और उसके दुषप्रभाव के प्रति जागरूक किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब किसी चीज के बिना रहने पर बेचैनी होने लगे तो वह आदत नहीं, बीमारी में तब्दील हो जाता है. जिसका सबसे गहरा असर हमारे सोचने और समझने की शक्ति पर पड़ता है.

सोने से एक घंटा पहले मोबाइल को खुद से दूर रख दें

प्रतिभा सिंह ने ने कहा कि सोने से एक घंटा पहले मोबाइल को खुद से दूर रख दें. उन्होंने बताया कि सोने से पहले तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से उससे निकलने वाले रेडिएशन दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर भी असर डालते हैं. जिसकी वजह से अच्छी नींद नहीं आना, चिड़चिड़पन रहना और पढ़ाई में एकाग्रता की कमी होने की शिकायत आने लगती है. कार्यक्रम में कक्षा छह से 9वीं के बच्चों ने भी मोबाइल के इस्तेमाल से जुड़े विभिन्न सवाल भी पूछे. मौके पर स्कूल की प्राचार्या नीरजा शरण, शिक्षक आकाश, चंद्रहृास और स्निगधा श्रीवास्तव मौजूद रहे.

बच्चों ने पूछे सवाल

  • सोने पहले मोबाइल से दूरी किस तरह फायदा पहुंचायेगी : तन्नु

सोने से पहले दिमाग एक्टिव मोड में रहता है. ऐसे में मोबाइल का इस्तेमाल करने से देर तक दिमाग वर्किंग मोड में ही रहता है जिसकी वजह से नींद की कमी होने लगती है. सोने से पहले मोबाइल को दूर रखने से दिमाग रिलैक्स होगा और नींद भी अच्छी आयेगी.

  • मोबाइल की तरह किताब पढ़ने की आदत क्यों नहीं हो पाती है : कनकश्री

आदत उसी चीज की होती है जिस काम में हमें मन लगता है. किताब से दिल से जुड़ाव हो जायेगा तो उसे पढ़ने की भी आदत खुद ब खुद हो जायेगी.

  • मोबाइल पर अपनी पसंद की किताब पढ़ना ठीक है या नहीं : रिया

मोबाइल की स्क्रीन पर देखकर पढ़ने से आंखों पर भी असर पड़ता है. इसके साथ इससे डिस्ट्रक्शन की भी संभावना बनी रहती है. कोशिश यही करें कि किताब से पढ़ने की आदत डालें.

  • जिन लोगों का अधिकतर कार्य मोबाइल या फिर कंप्यूटर पर ही निर्भर है वह क्या करें : श्रीजन

कोई अपने काम से अगर मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल करता है तो वह एडिक्शन नहीं है. उन्हें अपने काम के बाद अगर मोबाइल नहीं भी दिया जाये तो परेशानी नहीं होगी.

  • मोबाइल की लत से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है? अंकुर आनंद

अचानक से मोबाइल की लत से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है . इसके लिए खुद को दूसरे कार्यों में इंगेज करें. इसके साथ ही हमेशा मोबाइल के इस्तेमाल को टालने की कोशिश करें. धीरे-धीरे यह गैप बढ़ने लगेगा और आदत छूट जायेगी.

प्राचार्य ने प्रभात खबर को दिया धन्यवाद 

बॉल्विडन सोफिया की प्राचार्या नीरजा शरण ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कराने के लिए प्रभात खबर को धन्यवाद देती हूं. संवाद कार्यक्रम में बच्चों को नयी बांतें जानने के लिए मिलीं. बच्चों से यही कहूंगी कि हमेशा अपनी जररूत को ध्यान में रखते हुए ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें.

Also Read: IIT पटना में विशेषज्ञों ने कहा 6G में मानव और उपकरण एक दूसरे से करेंगे संवाद, TBPS में होगी डाटा स्पीड
क्या कहती हैं डॉक्टर 

मनोचिकित्सक डॉ प्रतिभा सिंह ने बताया कि बच्चोंं में मोबाइल की लत की वजह से उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. हमारे पास कई ऐसे अभिभावक आते हैं जो बच्चों के चिड़ चिड़ेपन और नींद नहीं आने की समस्या लेकर आते हैं. अधिकतर मामले में अत्याधिक मोबाइल का इस्तेमाल ही कारण है. आज के इस कार्यक्रम में बच्चों के सवालों का जवाब देकर यह लगा कि उनकी जिज्ञासा को शांत किया जो उनके लिये लाभदायक साबित हो.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें