पटना. निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों को जिला प्रशासन बंद करवायेगा. फिलहाल 138 कोचिंग संस्थानों को बंद करने के लिए चिह्नित किया गया है. इनमें से 111 को नोटिस दिया जा चुका है. पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के अंतर्गत जिला कोचिंग संस्थान निबंधन समिति की बैठक हुई.
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा समिति को बताया गया कि पूर्व में कोचिंग के निबंधन के लिए कुल 609 आवेदन प्राप्त हुए थे. इसके अंतर्गत 287 संस्थानों का निबंधन किया गया और 111 संस्थानों को अयोग्य पाते हुए अस्वीकृत किया गया. इन्हें बंद करने का नोटिस दिया गया है. शेष 211 आवेदनों में से मंगलवार की बैठक में कुल 153 आवेदनों पर विचार किया गया, जिनमें से 126 कोचिंग संस्थानों को निबंधन के लिए स्वीकृत किया गया.
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि निबंधन के लिए कोचिंग संस्थानों से 353 आवेदन फिर से प्राप्त हुए हैं, जिनकी जांच करायी जा रही है. पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने दो सप्ताह के अंदर इसकी जांच रिपोर्ट देने को कहा है, ताकि अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जा सके. डीएम ने कोचिंग संस्थानों के संचालन का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया है. साथ ही उन्होंने इससे संबंधित सूचनाओं को जिला के एनआइसी के वेबसाइट पर समय-समय पर अपलोड करने का निर्देश दिया है.
इस तरह समिति द्वारा अधिनियम के अंतर्गत 413 आवेदनों को स्वीकृत और 138 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है. अयोग्य पाये गये 138 कोचिंग संस्थानों को नोटिस निर्गत करते हुए बंद करने निर्देश दिया गया है. बंद नहीं किये जाने की स्थिति में इन कोचिंग संस्थानों को अधिनियम की धारा-6 के अंतर्गत 25,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये तक का अर्थदंड व अन्य कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
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कोचिंग संस्थानों के निबंधन के लिए मानकों के मुताबिक सुविधाएं होनी जरूरी हैं. कोचिंग में छात्र-छात्राओं के लिए समुचित उपस्कर (बेंच, डेस्क आदि), पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था, पेयजल की सुविधा, शौचालय की सुविधा, आकस्मिक चिकित्सा सुविधा, अग्नि सुरक्षा से उपाय, शिक्षकों की पर्याप्त संख्या आदि का होना अनिवार्य है. ये होने पर ही कोचिंग के रूप में उनका निबंधन किया जा सकता है.