जूही स्मिता, पटना :पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया है. इसी को ध्यान में रखते हुए चाइनीज गैजेट ऑक्सीमीटर का विकल्प देसी वर्जन में तैयार किया गया है. कोरोना के इस दौर में हमारे ब्लड में कितना ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल है, इसकी जानकारी पल्स ऑक्सीमीटर देगा.
यह ऑक्सीमीटर सीतामढ़ी के रहने वाले विभूती विक्रमादित्य ने छह महीनों में तैयार किया है. वे बताते हैं कि उनकी कंपनी स्मार्ट-वे इलेक्ट्राॅनिक प्राइवेट लिमिटेड है. हमें स्मार्ट बोर्ड प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका मिला हुआ है जिसे सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से फंडिंग मिली हुई है.
यह कंपनी जनवरी से आइआइटी, पटना में इनक्यूबेट हुई है. कोरोना के शुरुआत होने पर हमें लगा कि कुछ करना चाहिए. फिर हमने पल्स ऑक्सीमीटर बनाने का प्लान बनाया, जिस पर हमने रिसर्च वर्क से लेकर सारा काम किया गया. इसमें उनका साथ सनी दे रहे हैं.
Also Read: बिहार चुनाव 2020: नोटा से भी पिछड़ गये 11 दल, जानें कितनी पार्टियों का नहीं खुला खाता
इसे तैयार करने में चार माह का समय लगा, जिसकी टेस्टिंग एम्स, पटना में हुई है. इसके अलावा हैदराबाद के लैब में भी टेस्टिंग हो चुकी है. आइआइटी, पटना में हमने पल्स ऑक्सीमीटर का प्रेजेंटेशन दिया है, जिसे उन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग फेज के लिए अप्रूव कर दिया है और हमें इस प्रोडक्ट के लिए लोन भी दे रहे हैं.
आइआइटी, पटना के इनक्यूबेशन सेंटर के मैनेजर जोसेफ पॉल ने बताया कि कोरोना के इस दौर में पल्स ऑक्सीमीटर लोगों व मरीजों के लिए काफी लाभदायक होगा. इससे लोग आसानी से ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल चेक कर सकेंगे. टेस्टिंग फेज के दौरान इस प्रोडक्ट का रेसपाॅस काफी पॉजिटिव मिला है. उम्मीद है कि यह जल्द लोगों तक पहुंचेगा.
मार्केट में मिलने वाले चाइनीज पल्स ऑक्सीमीटर प्रोडक्ट की तरह इसके दो वर्जन होंगे. पहला जो मार्केट में वर्जन मौजूद है, वही होगा. जबकि, दूसरे वर्जन की खासियत यह होगी कि इसमें दो फीचर हैं.
विभूती बताते हैं कि मोबाइल पर हमने एक एप तैयार किया है जिससे कोरेंटिन मरीजों को उनका रिजल्ट फोन पर ही मिल जायेगा, जिसे वे डॉक्टर को शेयर कर सलाह ले सकेंगे. दूसरा इसमें रिचार्जेबल बैटरी मौजूद है.
Posted by Ashish Jha