पटना. आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरे ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार पिछले 10 साल में अकूत संपत्ति बना ली. वे औषधि विभाग में कार्यरत हैं. पटना में पिछले 13 महीने से वे तैनात हैं. इससे पहले सहरसा जिले में तैनात थे . औषधि विभाग की ओर से इनको पटना 5 एरिया दिया गया है. इनके अंतर्गत दरियापुर, एसपी घोष लेन, बुद्ध मार्ग, गांधी मैदान, कदमकुआं, आयकर गोलंबर आदि आसपास के इलाके का चार्जदिया गया है. संबंधित इलाके के अंतर्गत संचालित दवा दुकानों में जांच का जिम्मा जितेंद्र कुमार को है. पदभार ग्रहण करने के दौरान अब तक करीब छह बार इनके नेतृत्व में छापेमारी कर दवाओं की जांच की गयी है.
जितेंद्र शहर के सुल्तानगंज स्थित मलेरिया विभाग परिसर में संचालित ड्रग विभाग के कार्यालय में बैठते हैं. दवा दुकानों पर जांच संबंधित सभी कार्य वह मलेरिया ऑफिस में करते हैं. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जब ऑफिस में छापेमारी करने पहुंची, तो वहां का ताला समय पर नहीं खोला गया. करीब एक घंटे तक अन्वेषण ब्यूरो की टीम मलेरिया ऑफिस में ही रही, वहीं स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों व सिविल सर्जन के हस्तक्षेप के बाद ताला खोला गया.
सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के मलेरिया ऑफिस के समीप खान मिर्जा मुहल्ले में ड्रग्स इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के आवास पर छापेमारी करने टीम पहुंची तो वहां अफरातफरी मच गयी. छापेमारी टीम का नेतृत्वनिगरानी डीएसपी सुरेंद्र कुमार मौउआर कर रहे थे. डीएसपी ने बताया कि टीम की ओर से किये गये छापेमारी में नकद रुपये, जमीन के कागजात, सोने-चांदी के आभूषण, चार लग्जरी कार समेत अहम दस्तावेज बरामद मिला है. डीएसपी ने बताया कि चार जगहों पर छापेमारी की जा रही है.
ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार दानापुर के गोला रोड में एक फार्मेसी कॉलेज का भी संचालन करते हैं. एक टीम ने बिहार काॅलेज ऑफ फार्मेसी के साथ ही कुसुम हाउस में फ्लैट नंबर 202 में जांच की. कार्यालय में इनके नाम से एक स्कॉर्पियो गाड़ी, एक पोलो कार, होंडा सीबी साइन मोटर साइकिल और टाटा एआइजी के पॉलिसी के कागजात बरामद किये गये हैं.
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गया. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले को लेकर पटना के ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के गया शहर के रामसागर तालाब के पास स्थित मनोरमा अपार्टमेंट के फ्लैट पर निगरानी विभाग की टीम ने शनिवार को छापेमारी की. हालांकि, इस फ्लैट से निगरानी टीम को सिर्फ फ्लैट की खरीदारी से संबंधित डीड की छायाप्रति ही मिली. इस फ्लैट में श्री जायसवाल नामक व्यक्ति किराये पर रह रहे हैं. करीब चार घंटे तक निगरानी की टीम यहां डटी रही और ड्रग इंस्पेक्टर के बारे में जानकारी जुटाती रही.
पूरी कार्रवाई करने के बाद निगरानी विभाग के पुलिस उपाधीक्षक खुर्शीद आलम ने बताया कि अपने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले को लेकर ड्रग इंस्पेक्टर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गयी. इसमें गया शहर के रामसागर तालाब के पास स्थित फ्लैट की भी तलाशी लेने सर्च वारंट के साथ यहां आये थे. विष्णुपद थाने की पुलिस के सहयोग से छापेमारी की गयी. लेकिन, ड्रग इंस्पेक्टर के फ्लैट में श्री जायसवाल नामक किरायेदार मिले. नियमानुकूल कार्रवाई की गयी. यहां से उन्हें फ्लैट की खरीदारी से संबंधित डीड की छायाप्रति मिली है. लेकिन, इनके अन्य ठिकानों से काफी नकद रुपये व सोने-चांदी के आभूषण सहित अन्य सामान मिले हैं. इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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