बिहार की राजधानी पटना के यारपुर स्थित शिव मंदिर के पास आजादी के पहले से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. नवयुवक दुर्गा पूजा समिति की स्थापना वर्ष 1945 में हुई. तब से अबतक लगभग 77 सालों से यहां मां दुर्गा की सामूहिक पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस बार यहां अयोध्या राम मंदिर का प्रारूप पंडाल के रूप में तैयार किया जा रहा है. इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. पंडाल की लंबाई 50 फुट और चौड़ाई 60 फुट की होगी. पंडाल के अंदर और आसपास सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था होगी, ताकि असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखी जा सके.
यहां मां दुर्गा के साथ गणेश, कार्तिक, सरस्वती और लक्ष्मी की भी प्रतिमा विराजमान होगी. प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार मंटू प्रसाद कर रहे हैं. आयोजन समिति के अनुसार पंडाल, प्रतिमा और सजावट आदि में लगभग 12 लाख से अधिक खर्च होने का अनुमान है. यारपुर से लेकर श्री गोड़ीया मठ मंदिर तक भव्य सजावट की जायेगी. यहां पूजा समिति की ओर से महाअष्टमी को खिचड़ी और महानवमी को खीर का भोग लगाया जाता है. लगभग 20-30 हजार श्रद्धालु यहां प्रसाद ग्रहण करते हैं.
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अध्यक्ष- हरि नारायण गुप्ता, कोषाध्यक्ष- मुन्ना गुप्ता, सचिव- नीरज यादव, उपसचिव – राजकुमार पासवान, संरक्षक- रंजन यादव, संजय, गुप्ता विनय सिंह, संतोष केसरी . सदस्य – रोहित कुमार, अरुण कुमार , विजय पासवान, सन्नी यादव, कृष्ण कुमार राज कुमार, दीपक कुमार, विकास कुमार, वीरू कुमार, अशीष कुमार, राहुल कुमार, सोनू कुमार.
यारपुर स्थित शिव मंदिर के पास लगभग 77 साल से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. इसकी शुरुआत काफी छोटे स्तर पर हुई थी, लेकिन आज यहां के पंडाल की गिनती पटना के प्रमुख पंडालों में होती है. – हरि नारायण गुप्ता, अध्यक्ष, नवयुवक दुर्गा पूजा सम