पटना: शारदीय नवरात्र के पूजन में देवी के नौ स्वरूप की पूजा की गयी. भगवती का विधिवत शृंगार कर और उन्हें कमल पुष्प, अपराजित का फूल और कई प्रकार के भोग का अर्पण कर श्रद्धालुओं ने सर्वसिद्धि प्राप्ति की कामना की.
ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने जानकारी देते हुए कहा कि शुक्रवार को आश्विन शुक्ल दशमी को सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवियोग के पुण्यकारी संयोग में विजयादशमी का पर्व मनाया जायेगा. शुक्रवार को जगत जननी माता जगदंबा की विदाई गज (हाथी) पर हो रही हैं. गज पर देवी की विदाई होने से आगामी साल भर तक उत्तम फल के आसार बनेंगे. इसी दिन कलश के नीचे डाले गये जौ को काट कर देवी-देवताओं को समर्पित करने के बाद जयंती को धारण किया जायेगा.
पटना में इस बार दुर्गा पूजा में मूर्तियों का विसर्जन नदी में नहीं होगा. विसर्जन के लिए पटना शहरी क्षेत्र में 11 कृत्रिम तालाब या पूर्व से बने तालाब निर्धारित किये गये हैं. इनमें पांच पटना सदर अनुमंडल में और छह पटना सिटी अनुमंडल में हैं. पटना सदर अनुमंडल के जिन पांच तालाबों में मूर्ति का विसर्जन होगा, उनमें तीन दीघा क्षेत्र में बनाये गये हैं. इस बार यहां एक तालाब को बढ़ाया गया है.
दुर्गापूजा के दौरान जिले में शांति और सामाजिक सद्भाव बना रहे, इसके लिए जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किये हैं. पूजा से लेकर विसर्जन तक किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों, भड़कीले नारे लगाने वालों और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वालों पर प्रशासन की सख्त नजर रहेगी और ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
Published By: Thakur Shaktilochan