पटना. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने फ्लैट और घर बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर अग्रणी होम्स के सीएमडी, डायरेक्टर और अन्य कर्ता-धर्ताओं के परिसरों पर लगातार दो दिनों तक छापे मारे और दस्तावेज जब्त की. इडी ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड के 119 बैंक खातों में लेनदेन पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही लग्जरी कार और कुछ बीमा पॉलिसियां भी जब्त की गयी हैं.
खरीददारों की राशि से व्यक्तिगत संपत्तियां खरीदीं
गुरुवार को एजेंसी ने अपने एक बयान में कहा कि पटना, वाराणसी, लखनऊ और दिल्ली में अग्रणी होम्स, इसके अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आलोक कुमार सिंह, विजय राज लक्ष्मी, अल्का सिंह, राणा रणवीर सिंह के साथ कंपनी के प्रमुख कर्मचारी सात्विक सिंह और चार्टर्ड एकाउंटेंट निशांत श्रीवास्तव से जुड़े आठ परिसरों पर तलाशी ली गयी. इडी ने आरोप लगाया कि अग्रणी ग्रुप ऑफ कंपनीज और उसके निदेशक ने संभावित घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की. उनकी जमा व निवेश राशि को अवैध तरीके से उनके व्यक्तिगत नाम पर या अन्य कंपनियों के नाम पर संपत्तियां खरीदने में लगाया.
कंपनी के सीएमडी और अन्य के खिलाफ 73 से ज्यादा शिकायतें, 9.73 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला
इडी के अनुसार अग्रणी होम्स के मामले में बिहार पुलिस ने कम से कम आठ प्राथमिकियां दर्ज की हैं. उसके आधार पर धनशोधन का मामला दर्ज किया गया है. इडी ने कहा कि उसे अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड, पटना, उसके सीएमडी सिंह और अन्य के खिलाफ 73 से ज्यादा शिकायतें मिलीं. इनमें यह उल्लेख था कि कथित कंपनी ने संभावित घर खरीदारों के साथ 9.73 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. ऐजेंसी ने कहा कि छापे के दौरान आलोक कुमार सिंह द्वारा उनके और उनकी कंपनी के नाम पर खरीदी गयी संपत्तियों के अलावा 119 बैंक खातों पर रोक लगायी गयी है. इडी ने चार बीमा पॉलिसी तथा दो लग्जरी गाड़ियां (अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों के नाम पर) जब्त की है.