बिहार में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा की गयी दो अलग-अलग कार्रवाई में करीब पौने पांच करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गयी है. पहला मामला वैशाली जिला परिषद के तत्कालीन सहायक अभियंता शिशिर कुमार का है, जबकि दूसरा मामला गोपालपुर पीएस के अपराधी अखिलेश यादव का है. दोनों पर इडी ने यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की है.
इडी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वैशाली जिला परिषद में तत्कालीन सहायक अभियंता के पद पर काम करते हुए शिशिर कुमार ने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध तरीके से 2.71 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की थी. उनके विरुद्ध आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में प्राथमिकी की थी. जिसे आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने शिशिर कुमार के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की और कार्रवाई को अंजाम दिया.
पूछताछ में शिशिर कुमार यह नहीं बता सके कि इतनी अकूत संपत्ति कैसे जुटाई. आर्थिक अपराध इकाई ने अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में शिशिर कुमार और उनकी पत्नी विनीता कुमारी को आरोपित बनाया था. प्रवर्तन निदेशालय की जानकारी के अनुसार शिशिर कुमार द्वारा जुटायी गयी कुल 23 संपत्तियों को जब्त किया गया है. इनमें 2.57 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और 14.24 लाख की चल संपत्ति है. यह संपत्ति शिशिर, विनीता के साथ ही पुत्र और पुत्रियों के नाम पर खरीदी गई थी.
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दूसरी कार्रवाई अखिलेश यादव नाम के एक अपराधी पर की गयी. भागलपुर के गोपालपुर थाने में अखिलेश यादव पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. आरोपित पर आर्म्स एक्ट के साथ ही आपराधिक साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, बैंक डकैती के मामले दर्ज थे. इसी प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया. पुख्ता जानकारी मिलने के बाद बुधवार को अखिलेश यादव की 2.08 करोड़ रुपये की 29 अचल संपत्ति जब्त कर ली गयी है.