बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय ,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्रों को नियमित करने के संदर्भ में शिक्षा विभाग ने ठोस कदम उठाये हैं. विभाग ने संबंधित विश्वविद्यालयों के विभिन्न शैक्षणिक सत्र वार परीक्षा प्रारंभ करने की तिथि एवं परीक्षा फल घोषित करने की अंतिम तिथि (टाइम लाइन) तय कर दी है. शिक्षा विभाग ने यह अधिसूचना उन विश्वविद्यालयों की जारी की है, जिनके स्नातक और स्नातकोत्तर सत्र काफी सालों से लंबित चल रहे हैं.
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक इन विश्वविद्यालयों में परीक्षा आयोजित करने और रिजल्ट जारी करने की टाइम लाइन जुलाई से दिसंबर मध्य तक निर्धारित की गयी है. प्रत्येक विश्वविद्यालय को जारी की गयी टाइम लाइन के मुताबिक परीक्षा लेनी होगी. साथ ही परिणाम घोषित करेगा.
अधिसूचना में व्यवस्था दी गयी है कि विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत संबद्ध कॉलेजों के सभी पदाधिकारी ,कर्मी, वीक्षक तथा परीक्षा से संबंध रखने वाले सभी व्यक्ति भारतीय दंड विधान के तहत लोक सेवक समझे जायेंगे. उन्हें उसी के अनुसार कर्तव्य का पालन भी करने होंगे. सभी विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया है कि सभी शिक्षण संस्थान निर्धारित समय पर पाठ्यक्रम पूरा करेंगे. आवश्यकतानुसार अवकाश के दिनों में भी विशेष वर्ग की संचालित करेंगे.
शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किये हैं कि कोर्स पूरा कराने के लिए जरूरत पड़े तो अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करें. आवश्यकतानुसार सांयकालीन और ऑन लाइन कक्षाएं लगायी जायें. विधिवत पाठ योजना को भी आवश्यकतानुसार लागू किया जाये. परीक्षा के दौरान ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के निर्देश दिये हैं.
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अधिसूचना में साफ कर दिया गया है कि वॉक आउट और स्टे आउट तथा अन्य कारणों से अनुपस्थित रहने वाले परीक्षार्थियों की परीक्षा नहीं ली जायें. साथ ही कहा है कि विद्यार्थियों की 75 फीसदी उपस्थित अनिवार्य रखी जाये. इससे कम अनुपस्थित पाये जाने पर परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाये.