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पटना में EOU ने पांच साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार, नोट गिनने की मशीन, 86 पासबुक और 109 एटीएम जब्त

इओयू के अनुसार यह गिरोह एनी डेस्क जैसे एप डाउनलोड करवाकर बैंक से पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लेते थे. साइबर गिरोह द्वारा लोगों के मोबाइल, लैपटॉप या डेस्क टॉप पर एनी डेस्क किसी तरह से डाउनलोड करवा कर उनके बैंकों के यूपीआइ इंस्टॉल कर खाते से पैसे की अवैध निकासी कर लेते थे.

आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के साइबर सेल ने पटना में बुधवार को साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कर पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 14 लाख रुपये कैश, 17.56 लाख का सोना, 36.50 ग्राम चांदी, 70 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के 109 एटीएम कार्ड, 86 पासबुक व चेकबुक, छह आधार कार्ड, चार पैन कार्ड, एक वोटर आइकार्ड, एक ऑल इन वन डेस्कटॉप कंप्यूटर, दो लैपटॉप, एक स्मार्ट टीवी और नोट गिनने की मशीन बरामद की गयी है.

इन लोगों को किया गया गिरफ्तार 

गिरफ्तार अपराधी राजधानी के अति व्यस्त एक्जीबिशन रोड स्थित लवकुश टावर और आलमगंज के मीणा मेंशन भवन में जगह लेकर साइबर अपराध को संचालित कर रहे थे. गिरफ्तार होने वाले में पटना के मछुआ टोली का राहुल कुमार उर्फ सन्नी आर्या, खाजेकलां पटना का कन्हैया कुमार, छपरा का प्रिंस राज, वैशाली का हिमांशु राज और बेगूसराय का गणेश कुमार शामिल है.

एनी डेस्क जैसे एप डाउनलोड करवा करते थे अपने बैंक में पैसे ट्रांसफर

इओयू के अनुसार यह गिरोह एनी डेस्क जैसे रिमोट असेस एप डाउनलोड करवाकर बैंक से पैसे अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा लेते थे. साइबर गिरोह द्वारा लोगों के मोबाइल, लैपटॉप या डेस्क टॉप पर एनी डेस्क किसी तरह से डाउनलोड करवा कर उनके बैंकों के यूपीआइ इंस्टॉल कर खाते से पैसे की अवैध निकासी कर अपने बैंकों में हस्तांतरित कर लेते थे. वहीं, एटीएम के माध्यम से नगद पैसे की निकासी और अन्य इ-कॉमर्स कंपनियों से सोने, चांदी और हीरा के जेवरातों की खरीदारी कर आम लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था.

दो डीएसपी की टीम बनाकर हुई छापेमारी

इओयू को एक बड़ी साइबर अपराधियों के होने की सूचना मिली थी. सूचना पर इओयू के एडीजी ने दो डीएसपी के नेतृत्व में साइबर सेल के अन्य पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों की टीम गठित कर छापेमारी की गयी. इसके बाद यह गिरोह पकड़ में आया. इओयू के अनुसार गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों का कार्यक्षेत्र बिहार और झारखंड तक था.

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जामताड़ा और देवघर के साइबर अपराधियों के साथ मिल कर करता था काम

इओयू के अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के सदस्य साइबर अपराध के लिए कुख्यात झारखंड के जामताड़ा और देवघर के साइबर अपराधियों के साथ मिल कर अपना कार्य संचालित करते थे. गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ की जा रही है. इओयू ने उम्मीद जतायी है कि पूछताछ के बाद एक बड़े अंतरराज्यीय साइबर अपराधी गिरोह का खुलासा होने की संभावना है.

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