पटना. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने बालू के अवैध खनन को लेकर रूपसपुर के थानाध्यक्ष मधुसूदन कुमार पर शिकंजा कसा है. बुधवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में इओयू की टीम ने उनके तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. इनमें पटना की आनंद विहार कॉलोनी में किराये का घर, रूपसपुर थाना परिसर और औरंगाबाद जिले के दाउदनगर थाने के चौरम गांव स्थित पैतृक घर शामिल हैं. छापेमारी के दौरान पटना वाले घर से 8.93 लाख कैश, जीवन बीमा में लाखों के निवेश और पटना गया, बोधगया, शेरघाटी व दाउदनगर में आठ प्लॉट के कागजात मिले.
वहीं, एसबीआइ व पीएनबी में दो-दो और केनरा बैंक में एक खाता मिला है. अब तक की जांच में बैंक खातों से 25 लाख रुपये से ज्यादा के लेन-देन के प्रमाण मिल चुके हैं. पत्नी के खाते में 47.41 लाख रुपये हैं. वहीं, मधुसूदन कुमार के नाम से मौजूद खाते में भी सात लाख से ज्यादा राशि जमा है. घर की तलाशी के दौरान साढ़े 14 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य की अचल संपत्ति भी जब्त की गयी है, जिसमें सोने के गहने समेत अन्य चीजें शामिल हैं.
रूपसपुर के थानाप्रभारी मधुसूदन कुमार के ठिकानों पर बुधवार को इओयू की छापेमारी के दौरान पांच जगहों पर आठ प्लॉट से जुड़े कागजात भी बरामद किये गये हैं. इनकी कीमत 98.21 लाख रुपये से ज्यादा आंकी जा रही है. पटना, बोधगया, दाउदनगर, गया व शेरघाटी में मां और पत्नी के नाम से मौजूद इन प्लॉट की रजिस्ट्री में 8.73 लाख से ज्यादा राशि खर्च की गयी है. पटना की आनंद विहार कॉलोनी में, जहां वह किराये के मकान में रह रहे हैं, उसके पास में ही उन्होंने करीब दो कट्ठा जमीन ली है, जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये है. पत्नी और मां के नाम से बोधगया के मटिहानी में 18 लाख रुपये के दो प्लॉट, दाउदनगर के चौरम में मां के नाम से एक प्लॉट, शेरघाटी (गया) में निंगरी में मां के नाम से 8.10 लाख रुपये के दो प्लॉट, गया में दो अन्य प्लॉट हैं, जिनमें एक गया शहर में मुख्य स्थान पर है और इसकी कीमत साढ़े 17 लाख से ज्यादा है.
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इसके अलावा निवेश से जुड़े कुछ अन्य कागजात मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है. इसके बाद इनकी अवैध संपत्ति का मूल्य बढ़ने की संभावना है. 2009 बैच के दारोगा हैं मधुसूदन, मधुसूदन कुमार 2009 बैच के सीधे दारोगा हैं. वह मनेर में थानाप्रभारी के पद पर थे. उस समय अवैध बालू माफियाओं के साथ सांठगांठ करके लाखों रुपये की काली कमाई का आरोप है. इसके बाद वह रूपसपुर आ गये. इससे पहले वह गया जिले में भी कई स्थानों पर रह चुके हैं. अब तक की जांच में आय से उनके पास 87.34 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति मिल चुकी हैं, जो उनकी वैद्य कमाई से 62.67% अधिक है.