भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता फिरोज आलम के पटना और दिल्ली आवास पर आर्थिक अपराध इकाई की छापेमारी हुई. छापेमारी के दौरान फिरोज आलम के आवास से 1.43 लाख नकद बरामद किये गये. दिल्ली में खुद के और पत्नी के नाम से पांच तथा पटना में भाई के नाम पर समनपुरा में एक फ्लैट की जानकारी मिली है. इसमें दिल्ली में एक फ्लैट की कीमत एक करोड़ 30 लाख की बतायी गयी है.
तलाशी में आलम के दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित आवास से नगद और स्वर्ण आभूषण मिले हैं. दिल्ली के जौहरी फार्म में इनके दो फ्लैट, शाहीनबाग में एक, जाम नगर में एक और सुखदेव नगर में एक फ्लैट होने की जानकारी मिली है. इओयू को इनके कार्यालय से तलाशी के क्रम में मेरठ में भूखंड खरीदे जाने के संबंधी दस्तावेज मिले हैं.
फिरोज आलम कार्यपालक अभियंता के साथ ही बिहार भवन में रेसिडेंट इंजीनियर के प्रभार में हैं. आलम के विरुद्ध आर्थिक अपराध थाने में भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आलम झारखंड के पलामू जिले के हरिहरगंज के रहने वाले है. 1991 में इनकी नियुक्ति कनीय अभियंता के पद पर हुई थी. इस दौरान ये दरभंगा, बिहारशरीफ आदि स्थानों पर पदस्थापित रहे तथा इस दौरान भ्रष्ट और अवैध तरीके से आय से अधिक संपत्ति अर्जित किया.
इओयू सूत्रों ने बताया कि सेवा अवधि के दौरान इनका क्रिया-कलाप काफी संदिग्ध और विवादास्पद रहा हैं. इन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप भी लगे हैं. सेवा में आने के पूर्व इनके पास पैतृक संपत्ति के अतिरिक्त कोई सम्पत्ति नहीं थी तथा सरकारी वेतन के अतिरिक्त इनके आय का अन्य कोई श्रोत भी नहीं पता चला है. यह भी जानकारी मिली कि आलम द्वारा भ्रष्ट तरीके से अर्जित संपत्ति को सही ठहराने के लिए फर्जी रूप से कंपनी, फर्म का भी संचालन कर सरकारी राशि का दुरपयोग किया जाता है.
इनके पास स्वयं के नाम से सात लाख की कीमत वाली मारूति इगनिस कार तथा सवा आठ लाख कीमत की पत्नी के नाम से टोयोटा इटियोस कार है. इआेयू को यह भी सूचना मिली है कि आलम अपने भतीजा के नाम पर सीयाज गाड़ी खरीदकर बिहार निवास में किराया पर चलवाते हैं . इनकी आय से अधिक 2,61.82, हजार रुपये की संपत्ति पायी गयी है, जो आय के ज्ञात श्रोत से लगभग 91.08 % अधिक है. इससे प्रतीत होता है कि अपने सेवा काल में इन्होंने अपने पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर ज्ञात वैध आय के स्रोत से काफी अधिक धनार्जन किये हैं.
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दिल्ली में छापेमारी टीम का नेतृत्व इकाई के पुलिस उपाधीक्षक भास्कर रंजन एवं जाकिर हुसैन कर रहे हैं. आलम के कार्यालय में इनके भतीजा का पासबुक, भाई के चिकित्सा में एक लाख रुपये खर्च संबंधी कागजात और भाभी का हस्ताक्षरित सादा कागज मिला है. इसके अलावा अन्य संपत्तियों के खरीदे जाने संबंधी दस्तावेज तथा अन्य महत्त्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इओयू की ओर तलाशी के क्रम में आलम के एक अन्य ठिकाना के बारे में भी जानकारी मिली है, जहां तलाशी के लिए इकाई की विशेष टीम भेजी गयी हैं. तलाशी अभी जारी है. बरामद दस्तावेजों के संबंध में विश्लेषण कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.