अगर आप चेक के द्वारा बैंक में लेन-देन का काम कर रहे हैं तो सतर्क हो जाएं. बिहार में अब एटीएम (atm clone fraud) के बाद चेक क्लोनिंग का मामला (cheque cloning cases) भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में जालसाजों का गैंग पूरी तरह सक्रिय हो गया है. राजधानी पटना में आए दिन फर्जी चेक(fake cheque) से पैसे निकालने के मामले सामने आ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पटना पुलिस इसकी गंभीरता से पड़ताल कर रही है. ऐसा माना जा रहा है कि बिहार के बाहर से भी इस गैंग को संचालित किया जा रहा है. ये लोग बैंककर्मी को भी अपने साथ मिलाकर रखते हैं. जिसके कारण जालसाजों को मोटी रकम ट्रांजेक्शन होने वाले खातों(Bank Account) की जानकारी आसानी से मिल जाती है.
जालसाज नकली चेक की छपाई करते हैं. जिसका वो इस्तेमाल करते हैं. इसमे ग्राहकों के हस्ताक्षर को भी चालाकी से मिलाया जाता है. ठग बैंकों से ग्राहक के मोबाइल नंबर का पता कर लेते हैं. जिसपर उस खाते से जुड़ा मैसेज जाता है. उसके बाद उस नंबर को हैक कर लिया जाता है ताकि किसी भी तरह के गलत निकासी की सूचना ग्राहक या कंपनी को नहीं चले. जबतक ग्राहक को ठगी का पता चलता है, जालसाज अपने काम को अंजाम दे चुके होते हैं.
हाल के दिनों में पटना सहित कई अन्य जगहों पर ऐसे मामले सामने आए. पटना के जक्कनपुर थाने में एक स्कूल की प्रिंसिपल ने नौ लाख से अधिक राशि की गलत निकासी का मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं कोटक महिंद्रा बैंक के एक सरकारी खाते में जालसाजों ने फर्जी चेक के जरिए 12 करेाड़ रूपए निकालने की कोशिश की. सोमवार को पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र में 4.50 करोड़ रुपये को दूसरे के खाते में स्थानांतरित करने की कोशिश करते एक ठग को पुलिस ने दबोचा है.ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
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चेक क्लोनिंग के बढ़ते मामलों ने बैंकों की भी परेशानी बढ़ा दी है. क्लोन चेक को पकड़ने के लिए बैंक शाखाओं को विजुअल लैंप मुहैया कराया गया है. लेकिन कइ बार फर्जी चेक छपाई इतनी बारीकी से की जाती है कि यह मशीन की पकड़ से भी बाहर हो जाता है. इन चेकों पर हुए सिग्नेचर आदि भी मिल जाते हैं. ठग अक्सर भीड़-भाड़ वाले ब्रांचों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं ताकि कर्मचारी जल्दबाजी में उनका काम आसान कर दे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंक अधिकारी फर्जी चेक की ठगी से बचने के लिए बड़े खाताधारकों को डिजिटल लेन-देन करने की सलाह देते हैं. उन्हें नियमित तौर पर अपना खाता चेक करते रहना चाहिए. अभी उन्हें कम से कम चेक का प्रयोग करना चाहिए.ग्राहकों को बैंक अफसरों को कम से कम दो मोबाइल नंबर उपलब्ध कराना चाहिए. ताकि एक मोबाइल नंबर के हैक किए जाने के बाद भी खाते से जुड़ी जानकारी उन्हें मिल सके.
Posted By :Thakur Shaktilochan