मुजफ्फरपुर में साढ़े सात लाख रुपये के जाली नोट (Fake Note) के साथ नौ तस्करों को पुलिस ने दबोचा. जिनके पास नौ लाख रुपये बरामद किये गये. जिसके बाद सीतामढ़ी जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है. पूर्व सूचना के आधार पर पुलिस ने मोतिहारी से मुजफ्फरपुर जाने के क्रम में एक स्कॉर्पियो गाड़ी से दो तस्करों को जाली नोटों समेत दबोचा था. पुलिस ने इस गिरोह का खुलासा भी कर दिया है.
साढ़े सात लाख रुपये के नकली नोट के साथ पकड़े गये तस्कर नेपाल से अच्छी क्वालिटी का बांड पेपर मंगा कर कई माह से इस रैकेट का संचालन कर रहे थे. पूर्वी चंपारण जिले के पताही थाना क्षेत्र के रतन सायर गांव निवासी अजय महतो गिरोह का मास्टर माइंड है. रविवार की रात वह गायघाट प्रखंड के रामनगर निवासी मुखिया प्रेम किशोर सिंह के पुत्र मंजीत सिंह को नकली नोटों की खेप सप्लाई करने आ रहा था. इसी क्रम में वह पकड़ा गया.
सोमवार को सिटी एसपी राजेश कुमार ने प्रेसवार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अजय अपनी पत्नी व दो पुत्रों के साथ मिल कर यह धंधा करता था. उसने अपने घर में डिजिटल फोटो कॉपी मशीन और प्रिंटर लगा रखा था. वह ज्यादातर 100 रुपये के जाली नोट स्कैन करता था. सिटी एसपी ने बताया कि नकली नोट को मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और मोतिहारी में खपाता था. इस कारोबार में अजय की पत्नी सुनीता देवी और दोनों बेटे मधुरंजन और चितरंजन कुमार शामिल थे.
सिटी एसपी ने बताया कि कई दिनों से पुलिस को सूचना मिल रही थी कि जिले में नकली नोट का कारोबार हो रहा है. एएसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया था. अजय महतो पूरे परिवार के साथ स्कॉर्पियो से नकली नोट की डिलीवरी देने आता था. पुलिस को शक न हो इसके लिए गाड़ी में पत्नी और दोनों बेटों को बैठाकर कर रखता था. अगर पुलिस उनको रोकती तो कहता कि अपने एक रिश्तेदार के यहां समारोह में शामिल होने जा रहा है.
अजय महतो एक लाख असली नोट के बदले तीन लाख रुपये का नकली नोट देता था. पुलिस तस्करों से पास से बरामद कुल आठ मोबाइलों का कॉल डिटेल खंगाल रही है. इसमें सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और शिवहर जिले के कई संदिग्ध लोगों का नंबर मिला है. जिनकी पुलिस कुंडली खंगाल रही हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan