बिहार,यूपी, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के करीब 300 बेरोजगार युवकों को विदेश में नौकरी दिलाने का सपना दिखा कर एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने की प्राथमिकी कोतवाली थाने में दर्ज की गयी है. इस मामले में डाकबंगला चौराहे के डुमरांव पैलेस में स्थित जीवीएम मैनपावार कंपनी के निदेशक मिथिलेश कुमार पांडेय,कविंद्र कुमार, नीतू झा, सौरभ सिंह, दीक्षा सिंह, शीतल वर्मा समेत 15 लोगों को नामजद आरोपित बनाया है.
यह प्राथमिकी नियोजन भवन में स्थित प्रोटेक्टर ऑफ इमीग्रेंट बिहार झारखंड के अधिकारी रितेश राज ने दर्ज करायी है. जानकारी के अनुसार, जीवीएम मैन पावर कंपनी ने लोगों को विदेश भेजने और वहां नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की घटना को अंजाम दिया. इसके लिए उन लोगों ने पासपोर्ट, वीजा के साथ ही अन्य कागजात को बनाने को लेकर प्रति व्यक्ति 50 हजार लेकर दो लाख रुपये की वसूली की. इसके साथ ही उनके शैक्षणिक दस्तावेज व अन्य कागजात भी रख लिया.
अगर किसी का पासपोर्ट बना था तो उससे वीजा बनवाने के नाम पर ठगी की गयी. लेकिन किसी को कुछ नहीं दिया गया. इसके बाद काम नहीं होने पर जब युवकों ने दबाव बनाना शुरू किया तो कंपनी अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर भाग गयी. इसके बाद कई लोगों ने जुलाई में इमीग्रेशन कार्यालय में इसकी शिकायत की थी. इसके बाद प्रभात खबर ने इस मामले को उठाया था और फिर इमीग्रेशन कार्यालय की ओर से जांच शुरू की गयी और फिर प्राथमिकी के लिए कोतवाली थाने को आवेदन दिया गया.
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डाकबंगला चौराहे पर स्थित कंपनी कार्यालय में कई कर्मचारी काम करते थे और कई जगहों पर विदेश भेजने का विज्ञापन भी दे रखा था. उनकी चाल में फंस कर लोग उनके कार्यालय में पहुंचते थे, जहां उन्हें अबूधाबी, ओमान, दुबई, सिंगापुर, अरब अमीरात आदि जगहों पर तकनीकी व गैर तकनीकी नौकरी दिलाने का सपना दिखाया जाता था. इसके बाद लोगों की आर्थिक स्थिति के अनुसार उनके रुपये वसूल किये जाते थे.
जानकारी के अनुसार, जीभीएम मैन पावर का मुख्यालय आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में है. जबकि हेड ऑफिस गुरुग्राम में बना रखा था. इसके साथ ही कंपनी से जुड़े लोग दिल्ली में बैठ कर ठगी का गोरखधंधा करते थे. कंपनी से जुड़े कई लोगों के एकाउंट की जानकारी पुलिस को मिली है, जिसकी जांच की जा रही है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan