सरकारी सेवा में रहते हुए व्यावसायिक गतिविधियां चलाने का आरोप प्रमाणित होने पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसयूवी) ने 1998 बैच के आइपीएस और मगध क्षेत्र के पूर्व आइजी अमित लोढ़ा के खिलाफ पटना निगरानी के विशेष जज मनीष द्विवेदी की अदालत में एफआइआर दर्ज करा दी है. लोढ़ा के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने सरकारी सेवक होने के बावजूद ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के साथ वेब सीरीज के लिए फ्राइडे स्टोरी टेलर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ व्यावसायिक समझौते किये. इससे उनको कुल 49.62 लाख रुपये से अधिक की अवैध कमाई हुई.
जांच में एसवीयू ने पाया कि अमित लोढ़ा ने फ्राइडे स्टोरी टेलर प्राइवेट लिमिटेड से शुरुआत में एक रुपये का एग्रीमेंट कर प्रोडक्शन कंपनी से पहली बार 12 हजार रुपये हासिल किये. शेष राशि अलग-अलग किश्तों में उनके एचडीएफसी के बैंक अकाउंट में डाली गयी. उनके इस आचरण को भ्रष्टाचार तथा निजी स्वार्थ व लाभ के लिए की गयी वित्तीय अनियमितता माना गया है. विशेष निगरानी इकाई के पुलिस अधीक्षक ने विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है. माना जा रहा है कि गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
आइजी रैंक के अधिकारी आइजी अमित लोढ़ा के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई में सात दिसंबर को केस दर्ज किया गया. उन पर पीसी एक्ट की धाराएं यू/एस 13 (1) (बी), आर/डब्लू 13 (2), आर/डब्लू 12 और आइपीसी एक्ट की धारा 120 (बी) और 168 लगायी गयी है. इस कांड का अनुसंधान डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे. निगरानी को अंदेशा है कि आइजी ने विभिन्न माध्यमों से अकूत चल-अचल संपत्ति अर्जित की है.
एसयूवी के पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि पूर्व आइजी पर लगे आरोपों की जांच प्राधिकृत एजेंसियों ने की. बिहार पुलिस मुख्यालय और वरीय प्राधिकार ने इस जांच प्रतिवेदन की समीक्षा की. इसके बाद निगरानी विभाग के दिशा-निर्देश पर अमित लोढ़ा के विरुद्ध जांच तथा सत्यापन के दौरान पाये गये तथ्यों व साक्ष्यों के आलोक में एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई की गयी.
मालूम हो कि अमित लोढ़ा ने 2017 में द बिहार डायरी नाम से एक किताब लिखी थी. इसी किताब पर आधारित वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर इन दिनों नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित हो रही है. आरोप है कि अमित ने इसी को लेकर नेटफ्लिक्स से वेब सीरीज के लिए फ्राइडे स्टोरी टेलर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ व्यावसायिक समझौते किये थे.
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जानकारी के मुताबिक अमित लोढ़ा के खिलाफ मिली इस शिकायत की जांच का जिम्मा एडीजी (विधि-व्यवस्था) को सौंपा गया था. जांच इस बात की हो रही थी कि अमित लोढ़ा के जीवन पर वेब सीरिज कौन सी कंपनी बना रही है और उसमें किनका पैसा लगा है? सूत्रों के मुताबिक गया के ही किसी व्यक्ति ने इस फिल्म पर पैसा लगाया है, जिससे जांच अधिकारियों ने पूछताछ भी की है.