पटना : नेपाल और सीमावर्ती जिलों में भारी बारिश से राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. गंडक नदी में मंगलवार की सुबह 10 बजे वाल्मीकि नगर बराज से होकर इस साल का अब तक सबसे अधिक 4.36 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं, कोसी नदी में वीरपुर बराज से सुबह आठ बजे 3.42 लाख क्यूसेक और बराह से होकर 2.87 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. अधिक पानी आने के कारण नदी किनारे के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है. जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि विभाग के सभी इंजीनियरों को मुस्तैद किया गया है. पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सारण और वैशाली के जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है. उन्होंने बताया कि बूढ़ी गंडक, अधवारा समूह, कोसी और कमला बलान नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि प्रदेश के आठ जिलों के 190 पंचायतों की साढ़े तीन लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित हो गयी है.
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार वाल्मीकि नगर बराज से गंडक नदी में पिछले साल अधिकतम पानी 18 सितंबर को 2.51 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था. वहीं, कोसी नदी में बराह से होकर पिछले साल 13 जुलाई को अधिकतम पानी 2.72 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था. इन दोनों स्थानों पर पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक पानी छोड़ा गया है, जबकि वीरपुर बराज से कोसी नदी में पिछले साल 13 जुलाई को अधिकतम पानी 3.71 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
11 जिलों में एनडीआरएफ की 16 टीमें तैनात : बाढ़ से निबटने के लिए 9वीं वाहिनी, एनडीआरएफ बिहटा, पटना की 16 टीमों को 11 जिलों में तैनात किया गया है. कमाडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मांग पर वहीं गोपालगंज में तीन, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण व सारण में दो-दो और कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर व मधुबनी एक-एक टीमें तैनात की गयी हैं. सभी टीमें अत्याधुनिक बाढ़ बचाव उपकरण, कटिंग टूल्स व उपकरण, संचार उपकरण, मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर किट, डीप डाइविंग सेट, इनफ्लैटेबल लाइटिंग टावर आदि से लैस हैं. टीमों में कुशल गोताखोर, तैराक और मेडिकल स्टाफ मौजूद हैं.
खतरे के निशान से ऊपर नदियां : केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा, पुनपुन, घाघरा व भुतही बलान नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं बागमती, कमला, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, महानंदा, ललबेकिया, अधवारा और खिरोई नदी खतरे के िनशान से ऊपर बह रही हैं.
पानी से घिरा धमारा घाट स्टेशन : सहरसा प्रतिनिधि के अनुसार पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड का धमारा घाट स्टेशन चारों तरफ से पानी से घिर गया है. जिससे स्टेशन तक पहुंचने का सहारा नाव बन चुका है. देखें पेज 12 भी
Post by : Pritish Sahay