मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को बर्तन, वस्त्र आदि के मद में 600 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मदद को बढ़ाकर 1000 रुपये करने का निर्देश दिया है. साथ ही बचे बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने के लिए अधिकारियों से कहा है. उन्होंने कहा है कि बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में लड़की के जन्म लेने पर 15 हजार रुपये एवं लड़के के जन्म लेने पर 10 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है. मुख्यमंत्री ने यह बातें मंगलवार को मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की 22वीं बैठक के दौरान अधिकारियों से कहीं. बैठक का आयोजन 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में किया गया था.
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है. इसके अलावा विविध कार्यों में लोगों की मदद की जाती है. इससे लोगों की काफी सहायता होती है. कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपये की राशि की मदद दी गयी. मुख्यमंत्री राहत कोष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार ने न्यासी पर्षद की 21वीं बैठक की हुई कार्यवाही का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि हर बिंदु पर कार्यवाही का अनुपालन कर लिया गया है. मुख्यमंत्री राहत कोष की लेखा में प्राप्त राशि, वितरित राशि एवं शेष जमा राशि का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. उन्होंने बताया कि 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण के लिए अब तक 84 करोड़ 57 लाख 26 हजार 582 रुपये निर्गत हो चुके हैं. 58 बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है.
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