पटना. नेपाल के साथ उत्तर-पूर्व बिहार में हो रही बारिश के कारण पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, सुपौल, अररिया, किशनगंज व पूर्णिया के कई गांवों में पानी घुस गया है. पूर्वी चंपारण के देवापुर, बेलवा आदि निचले इलाकों में पानी फैल रहा है. वहीं ढाका से बेलवाघाट होकर शिवहर व सीतामढ़ी जाने का मार्ग अवरुद्ध हो गया है. वहीं सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड क्षेत्र में दो दिनों हो रही बारिश के कारण अधवारा समूह की नदियां उफनाई हुई हैं. पुरन्दाहा राजबाड़ा पश्चिमी पंचायत के लालबंदी गांव के समीप 200 मीटर में तीन फुट बह रहा है. सुपौल के मरौना प्रखंड क्षेत्र की घोघररिया पंचायत के खुखनाहा वार्ड नंबर 12 एवं 14 में दर्जनों घर को अपने आगोश में ले लिया है. नदी किनारे बसे गांव के बीच भय का माहौल है. नगर से सटे तिलयुगा नदी में तेजी से जल स्तर में वृद्धि हो रही है.
पूर्णिया जिले के बैसा प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली कनकई एवं महानंदा नदी उफना गयी हैं. प्रखंड के लगभग दर्जन भर से अधिक गांव के लोग बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. इन गांव का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है. वहीं, किशनगंज में बहने वाली महानंदा, मेची, कौल, कनकई, बूढ़ी कनकई नदियों के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. ठाकुरगंज प्रखंड के कई गांवों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. महानंदा नदी का बाढ़ का पानी ठाकुरगंज प्रखंड के खरना से दोगच्छी जाने वाली आरईओ सड़क के ऊपर से बह रहा है.
अररिया में नेपाल व जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण जिले में बहने वाली सभी नदियां उफान पर हैं. सबसे बुरा हाल सिकटी के पूर्वी भाग का है. वहां नुना नदी में बढ़ रहे पानी के कारण लगातार बाढ़ आने का सिलसिला जारी है. नुना नदी के पानी ने तटबंधों पर भी असर किया है, जिसकी मरम्मती का कार्य जारी है. वहीं बकरा नदी के कारण पड़ररिया, कौआकोह आदि की स्थिति भी बुरी है. कई परिवारों के घर नदी में विलीन हो गया है. वहीं पलासी को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली डेहटी घाट पर बना कलवर्ट का आधा हिस्सा नदी में विलीन हो गया है.
कोसी, कमला बलान, भूतही बलान और महानंदा नदियों का जल स्तर लाल निशान के पार दर्ज किया गया. वहीं गंगा, गंडक, बागमती, पुनपुन सहित अन्य नदियों के जल स्तर में लगातार बढ़त जारी है. बुधवार को गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से दो लाख 12 हजार 200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इस कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरे को देखते हुये स्थानीय प्रशासन ने लोगों को अलर्ट कर दिया है. वहीं सभी नदियों के बांधों की निगरानी को जल संसाधन विभाग ने बढ़ा दिया है. अभियंताओं की तैनाती 24 घंटे की गयी है. जल संसाधन विभाग ने अपने सभी बांधों को सुरक्षित होने का दावा किया है. साथ ही निगरानी टीमों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है.