सुबोध कुमार नंदन- पटना: बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष, महामंत्री का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. लेकिन मामला कोर्ट में होने के कारण 2020-21 के लिए नये अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और महामंत्री पद के चुनाव नहीं होंगे. चैंबर के 95 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब लगातार तीसरे वर्ष भी नये पदाधिकारियों का चुनाव नहीं हो पायेगा.
वर्तमान अध्यक्ष पीके अग्रवाल, उपाध्यक्ष एनके ठाकुर और कोषाध्यक्ष विशाल टेकरीवाल का कार्यकाल 2018-19 दिसंबर को ही समाप्त हो गया था. जबकि महामंत्री का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था. इसके कारण बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के वर्तमान अध्यक्ष पीके अग्रवाल ही अगले सत्र (2020-21) के अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा वर्तमान उपाध्यक्ष एनके ठाकुर, मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष विशाल टेकरीवाल और महामंत्री अमित मुखर्जी भी नये सत्र के पदाधिकारी बने रहेंगे.
लेकिन इस बीच चैंबर की वार्षिक आम सभा करने को लेकर चैंबर की प्रशासनिक तैयारी अंतिम चरण में है. अगली कार्यकारणी समिति की बैठक में वार्षिक आमसभा की तारीख का ऐलान हो सकता है. इस बीच चैंबर की ओर कंपनी ऑफ रजिस्ट्रार को तारीख के विस्तार के संबंध में आवेदन दिया जा चुका है. मालूम हो कि पीके अग्रवाल इससे पूर्व पांच बार अध्यक्ष पद (1993-1995, 2008-2010,2012-2014 तथा 2017-2019, 2019-20) संभाल चुके हैं. चैंबर के सदस्यों को कहना है कि पिछले दो साल से अब तक इस मामले में कई तारीखें पड़ीं, लेकिन एक बार भी सुनवाई नहीं हो सकी है.
पांच पदाधिकारी सहित 18 कमेटी सदस्यों का भी चुनाव होता है. इसके तहत 12 जोन बनाये गये हैं. इसमें हर जोन से एक -एक सदस्य को चुना जाता है. पटना नगर निगम, पटना, मगध, भागलपुर, मुंगेर, कोसी, पूर्णिया, तिरहुत, सारण, दरभंगा डिवीजन, झारखंड राज्य तथा दूसरे राज्य के सदस्य होते हैं. जबकि एरिया में पटना, भागलपुर, कोसी, तिरहुत (छपरा), दरभंगा तथा बिहार के बाहर के व्यावसायिक संगठनों के एक-एक प्रति निधि कमेटी सदस्य के लिए चुने जाते हैं.
दो साल पहले अक्तूबर में चैंबर के सदस्य एमपी बिदेसरिया ने चैंबर के पदाधिकारियों की चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाते हुए सिविल कोर्ट में केस दर्ज करा रखा है. इसके कारण चैंबर का चुनाव पिछले तीन साल से नहीं हो पा रहा है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya