Patna Road News: पटना का महात्मा गांधी सेतु का पूर्वी लेन तकनीकी जांच में पास हो गया है. सभी मानकों की जांच के बाद भाड़ी वाहनों के परिचालन की अनुमति दी जा चुकी है. सात जून को इस नवनिर्मित पूर्वी लेन का लोकार्पण देश के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे. इस लेन पर पैदल, साइकिल एवं बाइक चालकों के लिए अलग व्यवस्था की जा रही है. जिससे अब यहां लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी.
सेतु पर परिचालन शुरू करने से पहले तकनीकी टीम ने इस पर 25-25 टन वजन के 18 ट्रकों को विभिन्न हिस्सों में 36 घंटे तक रखा. इसके बाद सेतु के डिप्लेक्शन की जांच की गई. इसके साथ ही 5.575 किलोमीटर लंबे गांधी सेतु के पूर्वी लेन के पूरे हिस्से की सूक्ष्मता से जांच हुई है. ताकि किसी तरह की कोई कमी रहने पर उसे तुरंत ही ठीक किया जाए. कई तरह की जांच के बाद सेतु की मजबूती पर मुहर लगाई गई. अब इसके उद्घाटन का इंतज़ार है.
गांधी सेतु की जर्जर हालत को देखते हुए वर्ष 2014 में केंद्र और राज्य सरकार के बीच इसकी मरम्मत कराने पर सहमति बनी थी. पहले पश्चिमी लेन के कंक्रीट के सुपर स्ट्रक्चर को तोड़कर स्टील से उसका पुननिर्माण 2017 में शुरू हुआ और जून 2019 में उसे पूरा करने की समय सीमा तय की गयी थी. बाद में इस समय सीमा को बढ़ाकर दिसंबर 2019 व फिर मार्च 2020 तक कर दिया गया था. अंत में पश्चिमी लेन जून 2020 में चालू हुआ था. उसी साल मानसून के बाद पूर्वी लेन का भी पुनर्निर्माण शुरू किया गया था. अब इसके चालू हो जाने से पटना से हाजीपुर का सफर सिर्फ 15 से 20 मिनट में पूरा किया जा सकेगा.
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पूल के उद्घाटन के बाद अब फिर से गांधी सेतु पर बड़े-बड़े मालवाहक वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा. अगले चार वर्षों तक निर्माण एजेंसी को सेतु के मेनटेनेंस का भी काम करना होगा. दिलचस्प बात ये है कि जब पहली बार गांधी सेतु वर्ष 1982 में बना था तब इसकी लागत 87 करोड़ रुपये थी, पर अब सिर्फ इसका सुपर स्ट्रक्चर बदलने के लिए 1382 करोड़ रुपये खर्च किए गए है. वहीं इस सेतु को लगातार चालू रखने के लिये मरम्मत पर भी 102 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.