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निगम कर्मियों के हड़ताल का 5वां दिन: शहर में पसरा कचरा, दुर्गंध से लोगों ने आने-जाने का बदला रास्ता

पटना शहर में नगर निगम के सफाई कर्मियों की हड़ताल की वजह से जहां तहां कचरा जमा हो गया है. लोगों को इस वजह से काफी मुश्किल का सामना करना पर रहा है. लोग गंदगी और दुर्गंध से परेशान है. कुछ लोगों ने खुद से अपने गली मुहल्ले की सफाई शुरू कर दी है.

आनंद शेखर

पटना नगर निगम के सफाई कर्मियों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी है. इसकी वजह से घरों का कचरा सड़कों पर विखर गया है. निगम के अधिकारी प्रेस नोट जारी कर प्रतिदिन कचरा उठाव का दावा तो जरूर कर रहे हैं. लेकिन सड़कों पर लगे कचरा के अंबार उनके दावे को सच बताने के लिए काफी है. चौक चौराहों पर लगे कचरे के अंबार और उससे निकलने वाले दुर्गंध के कारण आस पास से लोगों का वहां से गुजरना अब मुश्किल हो गया है. आगे भी अगर यही हाल रहा तो कई तरह की बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है. नगर निगम के अधिकारियों की माने तो शहर में जहां पहले लगभग 1000 टन कचरे का उठाव होता था वह हड़ताल के बाद 300 से 350 टन हो रहा है.

सड़कों पर जमा है कचरा 

नगर निगम की तरफ से सिर्फ शहर के प्रमुख इलाकों और सड़कों से ही कचरे का उठाव हो रहा है. इसी कारण से शहर के गली मुहल्ले में प्रतिदिन कचरा जमा हो रहा है. आम लोग भी घर से कचरा उठाव नहीं होने के कारण कूड़े को सड़क पर फेंकने के लिए मजबूर हैं. इससे शहर में सड़कों पर जहां-तहां कचरा जमा हो गया है. इस वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना भी करना पर रहा है.

सिर्फ मुख्य सड़कों की हो रही सफाई

नगर निगम प्रशासन का कहना है कि हड़ताल के बावजूद शहर में सफाई का कार्य किया जा रहा है. निगम के सभी अंचलों में सफाई के लिए रात में वाहन और मशीन का भी प्रयोग किया जा रहा है. घरों से कचरा कलेक्शन के साथ ही दो पालियों में आउटसोर्सिंग कर्मियों और मशीनों व जोनल टीम के साथ प्रमुखता से मुख्य सड़कों की सफाई जारी है.

क्या है मांग 

निगम कर्मी संघ के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार को उनकी मांगों पर सोच विचार करना चाहिए. हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. हड़ताल पर गए कर्मियों की मांग है की चतुर्थ वर्गीय पद को वापस और दैनिक कर्मियों की सेवा को नियमित किया जाए. इसके साथ समान कार्य का समान वेतन, निजीकरण व्यवस्था पर रोक लगाकर आउटसोर्स से नियुक्ति को भी बंद किया जाना चाहिए. कार्य के दौरान मृत्यु होने की स्थिति में अनुकंपा पर नौकरी और मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करने जैसी मांगे हैं.

क्या कहते हैं डॉक्टर 

डॉ अतुलिका प्रकाश का कहना है कि अगर इसी तरह शहर में कचरा जमा होता रहा तो कुछ दिन में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और डायरिया जैसी कई अन्य गंभीर बीमारी का प्रकोप बढ़ सकता है. वैसे ही शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पटना जिले में वर्तमान में 62 डेंगू पॉजिटिव मिल चुके हैं.

लोगों ने खुद संभाली सफाई की कमान 

निगम कर्मियों की हड़ताल की वजह से कचरे का ढेर जमा हो गया है. इसी कारण से कुछ इलाकों में लोगों ने खुद ही सफाई की कमान संभाल ली है. लोग खुद ही अभियान चला कर अपने गली मुहल्लों की सफाई कर रहे हैं. इस अभियान में समाज सेवी भी जुड़ गए हैं. लोगों ने सरकार से गुहार भी लगाई है की राज सरकार जल्द से जल्द संगठनों की मांग पर गंभीरता से विचार कर समस्या का समाधान करें.

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क्या है लोगों की राय 

  • कंकड़बाग निवासी अंकिता कहती हैं कि सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पर रहा. घर से कचरा नहीं उठाए जाने के कारण घर के अंडर कचरे का ढेर जमा हो रहा है. न चाहते हुए भी सड़क पर कचरा फेंकने को मजबूर हो रहे हैं.

  • पत्रकार नगर के रहने वाले अमित कहते हैं कि सड़क पर कचरा जमा होने की वजह से रास्ते में चलना मुश्किल हो गया है. हर तरफ से बस कचरे की दुर्गंध आ रही है. हम लोगों को खुद से अपने मुहल्ले और गलियों की सफाई करनी पर रही है. सरकार को जल्द से जल्द सफाई कर्मियों की हड़ताल खत्म करवानी चाहिए.

पटना नगर निगम प्रसाशन का कहना है की हड़ताल खत्म करने के लिए सफाई कर्मियों के संगठन से बातचीत की जा रही है. इसके साथ ही उनके द्वारा रखी गई मांगों पर भी विचार किया जा रहा है. लेकिन हड़ताल कर्मियों के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात कर अपनी मांग रखना चाहते हैं.

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