पटना: लगन के कारण ज्वेलरी दुकानों में ग्राहकों की चहल-पहल बढ़ गयी है. लगन को देखते हुए ज्वेलर्सों ने एक से एक आधुनिक, परंपरागत और फ्यूजन कलेक्शन उतारे हैं. ज्वेलर्सों की मानें तो पिछले एक-दो सालों से गहने खरीदने में लोगों के च्वाइस बदले हैं, लेकिन परंपरगत डिजाइन के गहनों का जलवा अब भी बरकरार है. इस बीच सोने की कीमत आसमान छूने के कारण एक नया ट्रेंड चल पड़ा है. अब लोग 22 कैरेट के बदले 14 और 18 कैरेट के गहनों पर अधिक फोकस कर रहे हैं.
जानकारों का कहना है कि सोने की लगतार बढ़ती कीमतों के कारण अब लोग कम कैरेट के आभूषण भी खरीद रहे हैं. इसके अलावा लाइट वेट गहनों की मांग इन दिनों बढ़ी है. भूषण भवन के शशि कुमार ने बताया कि इस समय लोग 14-18 कैरेट की ज्वेलरी भी ग्राहक खरीद रहे हैं, जो पहले नहीं चलती थी.
सोने की शुद्धता के बारे में जानकारी होनी जरूरी है. अगर 22 कैरेट की ज्वेलरी होगी तो उसमें 916, 21 कैरेट के आभूषण पर 875 लिखा होता है. हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है और ये सोने की कैरेट की शुद्धता के निशान के बगल में होता है. सोने के आभूषण पर निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी अंकित होता है.
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-22 कैरेट -91.60 फीसदी शुद्धता
-18 कैरेट -75 फीसदी शुद्धता
-14 कैरेट -58.50 फीसदी शुद्धता
हॉलमार्किंग वाला गहने खरीदने के बाद ज्वेलर्स से ओरिजनल बिल अवश्य लें और जिसमें लिखा हो कि आप जिस ज्वेलरी खरीद रहे हैं, उसकी शुद्धता क्या है, जैसे अगर आपने 22 कैरेट सोने के गहने खरीदा है तो बिल में अंकित होना चाहिए कि 22 कैरेट. ऐसा इसलिए कि अगर आप जब उसे बेचें तो उसकी शुद्धता और उसके वजन को लेकर कोई भी परेशानी न हो.
एसके गुप्ता, प्रमुख, भारतीय मानक ब्यूरो (पटना कार्यालय)
Posted By: Thakur Shaktilochan