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बिहार में कोचिंग क्लास पर अधिक निर्भर हैं सरकारी स्कूल के बच्चे, सरकार कर रही अब ये पहल

विद्यार्थियों की कोचिंग पर निर्भरता कम करने के लिये जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से सभी कोचिंग संचालकों से बच्चों की कुल संख्या की रिपोर्ट मांगी जा रही है. रिपोर्ट के आधार पर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि सरकारी स्कूलों के साथ ही कोचिंग क्लास में पढ़ाई करने वाले कितने प्रतिशत विद्यार्थी हैं.

पटना. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वातावरण मुहैया कराने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. जिले उच्च माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले वैसे विद्यार्थी जो स्कूल के अलावा कोचिंग में पढ़ाई करते हैं उनकी सूची तैयार की जा रही है. विद्यार्थियों की कोचिंग पर निर्भरता कम करने के लिये जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से सभी कोचिंग संचालकों से बच्चों की कुल संख्या की रिपोर्ट मांगी जा रही है. रिपोर्ट के आधार पर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि सरकारी स्कूलों के साथ ही कोचिंग क्लास में पढ़ाई करने वाले कितने प्रतिशत विद्यार्थी हैं.

विद्यार्थी कोचिंग क्लास पर ही अधिक निर्भर

शिक्षा विभाग की ओर से किये जा रहे सर्वेक्षण में पाया गया है कि स्कूलों के अलावा विद्यार्थी कोचिंग क्लास पर ही अधिक निर्भर हैं. ऐसा माना जा रहा है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी और बेहतर पढ़ाई नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों की रुझान कोचिंग संस्थानों की बढ़ रही है. विद्यार्थियों की इसी रुझान को कम करने और स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिये कोचिंग संस्थानों से बच्चों की कुल संख्या की रिपोर्ट मांगी जा रही है. कोचिंग संस्थानों से विद्यार्थियों की कुल संख्या मिलने के बाद यह प्लानिंग की जायेगी कि विद्यार्थियों की कोचिंग पर से निर्भरता कम करने के लिये स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिये शेड्यूल तैयार किया जायेगा.

जिले में मात्र 413 कोचिंग संस्थान ही हैं पंजीकृत

जिला शिक्षा पदाधिकारी स्तर पर किये गये जांच में पता चला कि जिले में मात्र 413 कोचिंग संस्थान पंजीकृत हैं. 138 कोचिंग संस्थान तय मानक पर खड़े नहीं उतरे. वर्तमान में 1011 कोचिंग संस्थानों ने पंजीयन के लिये जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में आवेदन दिया है. जिनकी जांच चल रही है. जो 138 कोचिंग संस्थान मानक पर खड़ा नहीं उतरे उनको विभाग की ओर से बंद करने का निर्देश दिया है. इसके बावजूद ये कोचिंग संस्थान संचालित होते पाये गये तो उन पर प्रार्थमिकी दर्ज करायी जायेगी. कोचिंग संस्थानों को नियमों का पालन कराने के लिये कोचिंग संस्थानों की लिस्टिंग की गयी है. जिले के विभिन्न प्रखंडों के करीब 1400 कोचिंग संस्थानों की सूची तैयारी की गयी है.

कोचिंग संस्थानों पर फिर चला केके पाठक का डंडा

दूसरी ओर बिहार के कोचिंग संस्थानों पर एक बार फिर केके पाठक ने सख्ती दिखाई है. शिक्षा विभाग की तरफ से कोचिंग संस्थानों के लिए नया फॉर्मेट जारी किया गया है. शिक्षा विभाग के इस नए फॉर्मेट को भरकर सभी कोचिंग संस्थानों को संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास जमा कराना होगा. शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है.

अब शिक्षा विभाग को देनी होगी यह जानकारी

दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा राज्यभर में की गई कोचिंग संस्थानों की जांच में यह बात सामने आई है कि ऐसे कई कोचिंग संस्थान हैं, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन तो एक कोचिंग का कराया है, लेकिन उनके ब्रांच कई जगहों पर चल रहे हैं. जिसके बाद विभाग ने ऐसे कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने के लिए यह कदम उठाया है. शिक्षा विभाग की तरफ से जारी फॉर्मेट में कोचिंग संस्थानों में छात्रों की संख्या, किन विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है और कौन सी परीक्षा की तैयारी कोचिंग संस्थान कराते हैं इसकी जानकारी देनी होगी.

पहले भी आये थे ये आदेश

इससे पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कोचिंग संस्थानों को स्कूल के टाइम पर कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया था. इसके साथ ही साथ सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया था और अब शिक्षा विभाग की तरफ से राज्य के सभी कोचिंग संस्थानों के लिए नया फॉर्मेट जारी किया गया है. जिसमें कोचिंग संस्थानों को सभी जानकारी शेयर करनी होगी.

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