पटना डीएम ने नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों एवं श्रम अधीक्षक को होटल, ढाबा, चाय की दुकान, गैरेज सहित सभी संभावित स्थानों पर बाल श्रम के विरुद्ध विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है. डीएम ने प्रखंड स्तरों तथा पंचायत स्तरों पर टास्क फोर्स के गठन करने एवं नियमित अंतराल पर इस टास्क फोर्स के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है.
बाल श्रम उन्मूलन, विमुक्ति एवं पुनर्वास को लेकर बनी जिला टास्क फोर्स के अध्यक्ष सह पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में बाल श्रम उन्मूलन के लिए गठित जिला-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई. इस बैठक में जिले में बाल श्रमिकों की पहचान, विमुक्ति, पुनर्वास एवं बाल श्रम के उन्मूलन के लिए की गयी कार्रवाइयों की समीक्षा हुई. डीएम ने निर्देश दिया कि जो बाल श्रमिक विमुक्त कराये जाते हैं उनका फाॅलो-अप किया जाए ताकि वे पुनः बाल श्रम की ओर न लौटें.
पटना डीएम ने कहा कि बाल श्रम से संबंधित कोई भी सूचना या शिकायत मोबाइल नंबर 9471229133 पर भेजे, जिला स्तर से इस पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी. इस बैठक में पटना के श्रम अधीक्षक, रणवीर रंजन द्वारा जिला टास्क फोर्स के गठन, संरचना एवं उद्देश्यों से सदस्यों को अवगत कराया गया. बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा द्वारा बाल श्रम उन्मूलन, विमुक्ति एवं पुनर्वास से संबंधित कार्य योजना पर प्रकाश डाला गया. बैठक में श्रम अधीक्षक द्वारा बाल श्रम उन्मूलन के लिए हुई हाल की कार्रवाई के बारे में बताया. कहा कि इस वर्ष अभी तक 32 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है.
डीएम ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि ग्राम पंचायतों से बाहर जाने वाले बच्चों एवं किशोरों तथा बाल एवं किशोर श्रमिकों से संबंधित पंचायत कार्यालय में रजिस्टर मेंटेन कराना सुनिश्चित करें. बाल एवं किशोर श्रमिकों के नामांकन व उनके परिवार के पुनर्वास से संबंधित जानकारी अपडेट रखी जाये.
उन्होंने पात्रता रखने वाले बाल एवं किशोर श्रमिकों के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर जन वितरण प्रणाली से जोड़ते हुए राशन कार्ड निर्गत करने को कहा है. साथ ही उनके परिवार को प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा के अंतर्गत जॉब कार्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया कि विमुक्त बाल एवं किशोर श्रमिकों का नामांकन विद्यालय में कराने तथा उनको मुफ्त पाठ्य पुस्तक, मध्याह्न भोजन, छात्रवृति, साइकिल एवं पोशाक उपलब्ध कराने को कहा है. बिहार शिक्षा परियोजना, पटना के जिला कार्यक्रम समन्वयक को निदेश दिया कि श्रम संसाधन विभाग और समाज कल्याण विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर बाल श्रमिक सहित विद्यालय से बाहर रह गये बच्चों का सर्वेक्षण कराया जाये.
Also Read: पटना में लोगों के पेशाब की वजह से सड़ गया पुल, लोगों ने अपने सफाई में बताएं अजीबो-गरीब कारण
साथ ही साथ विद्यालय से बाहर रह गये सभी बच्चों का विद्यालय में नामांकन करवाना सुनिश्चित करें. उन्होंने बच्चों को ब्रिजकोर्स से जोड़कर उनको मुख्य धारा में लाने का निदेश दिया. स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया कि विमुक्त बाल एवं किशोर श्रमिकों तथा उनके माता-पिता को प्राथमिकता के आधार पर निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य कार्ड/आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया जाये.