पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि बाढ़ राहत कार्यों में जिन पदाधिकारियों, कर्मचारियों और जीविका दीदियों का सहयोग लिया जायेगा, उनका कोरोना टीकाकरण अवश्य करवा लें. हर वर्ष की तरह इस बार भी बाढ़ और सुखाड़ की आशंका को देखते हुए पूरी तैयारी रखें. बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का टीम बनाकर सही आकलन करवाएं. साथ ही प्रभावित लोगों की सूची बनाते समय पूरी पारदर्शिता बरतें, ताकि कोई भी पीड़ित लाभ से वंचित नहीं रहें.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान यह जानकारी दी गयी कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष मॉनसून के दौरान सामान्य वर्षा की संभावना जतायी है. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण का दौर अभी काफी तेजी से चल रहा है. इससे लोगों का बचाव करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. पूरा प्रशासन इसके लिए तत्परता से काम कर रहा है. इस विषय परिस्थिति में सबको मिल-जुलकर काम करना है.
इस दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारी से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन किया जायेगा. उन्होंने एनडीआरएफ या एसडीआरएफ प्रतिनियुक्ति, नाव, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, बाढ़ राहत केंद्र के लिए स्थलों को चिह्नित करना समेत अन्य बातों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बाढ़ से सुरक्षा के लिए कटाव निरोधक कार्यों, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों की नदीवार और जिलावार जानकारी दी.
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने सभी नगर निकाय क्षेत्र और पटना शहर व उनके आसपास के नगरीय क्षेत्रों में जलनिकासी व्यवस्था के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी. पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने विभागीय तैयारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी. ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष सचिव ने अपने विभाग की तैयारियों के बारे में जानकारी दी.
कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति में पशु एवं कृषकों को दी जाने वाली सहायता के लिए तैयार की गयी योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. पीएचइडी सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने सभी जिलों के भूजल स्तर की जानकारी दी. उन्होंने बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में पेयजल की सुचारु व्यवस्था से जुड़ी कार्ययोजना के बारे में बताया. सभी जिलों के डीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इससे जुड़े हुए थे.
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार और चंचल कुमार मौजूद थे.वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, पीएचइडी मंत्री रामप्रीत पासवान, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी जुड़े थे.
इसके अलावा पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, सीएम के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यासजी, सदस्य पीएम राय व उदय कांत मिश्रा, मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण, डीजीपी एसके सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के अलावा सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी रेंज आइजी एवं डीआइजी समेत सभी अधिकारी जुड़े थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बचे हुए सभी कटाव निरोधक और बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को जल्द पूरा करें. बाढ़ की स्थिति में तटबंधों की निगरानी के लिए विशेष सतर्कता बरती जाये. इसके लिए गश्ती कार्य नियमित रूप से हो. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों और विधान पार्षदों से उनके क्षेत्रों के संबंध में भी जल्द-से-जल्द सुझाव लें और उस पर अमल करें. पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मत की पूरी तैयारी रखे. ग्रामीण सड़कें जो पहले से क्षतिग्रस्त हैं, उनकी भी मरम्मत का काम जल्द पूरा करे. गुणवत्ता पूर्ण सड़कों का निर्माण के साथ-साथ उनको मेनटेन रखना भी उतना ही जरूरी है.
सीएम ने निर्देश दिया कि 30 मई तक पशुचारे की दर और आपूर्तिकर्ता, बाढ़ राहत सामग्री समेत अन्य के संबंध में पूरी व्यवस्था कर लें. सुखाड़ की स्थिति में पशुओं के लिए जल की उपलब्धता हो, इसकी भी तैयारी रखें. उन्होंने कहा कि हर घर तक नल का जल के माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही अगर कहीं चापाकल की आवश्यकता महसूस होगी, तो उसकी भी व्यवस्था करें.
उन्होंने कहा कि बाढ़ की आशंका को देखते हुए बाढ़ राहत केंद्रों के लिए जगह को चिह्नित करके पहले से ही सारी तैयारी रखें. सभी संबंधित विभाग संभावित बाढ़ और सुखाड़ को लेकर पूरी तैयारी रखें. इसकाे लेकर जून के पहले सप्ताह में एक बार फिर से समीक्षा की जायेगी.
Posted by Ashish Jha