बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आए दिन अपने फैसलों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं. अब शिक्षा विभाग द्वारा कुलपतियों के वेतन व उनके वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने के आदेश को लेकर राजभवन और विभाग आमने-सामने हो गया है. गुरुवार को शिक्षा विभाग ने बीआरए बिहार विवि के कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन पर रोक लगाते हुए उनके वित्तीय अधिकार पर भी रोक लगा दी थी.
विसी का वेतन रोकने का अधिकार सरकार को नहीं
शिक्षा विभाग के इस फैसले की जानकारी जब राजभवन को मिली तो तत्काल राज्यपाल के सचिव ने स्टेट बैंक समेत अन्य बैंकों को शिक्षा विभाग के उक्त आदेश पर अमल करने से मना कर दिया. साथ ही राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल चोंग्थू ने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिख कर कहा कि कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन रोकने तथा उनके वित्तीय अधिकार सीज करने का अधिकार सरकार को नहीं है.
शिक्षा विभाग से तत्काल आदेश वापस लेने को कहा गया
राज्यपाल के प्रधान सचिव ने अपने पत्र में कहा कि सरकार को विवि के कामकाज पर नजर रखने का अधिकार है, पर वेतन और वित्तीय अधिकार पर रोक बिना किसी अधिकार के लगायी गयी है. प्रधान सचिव ने कहा कि शिक्षा विभाग का यह आदेश कुलाधिपति के अधिकार में अतिक्रमण है. साथ विवि की स्वायत्तता पर नियंत्रण करने जैसा है. प्रधान सचिव ने शिक्षा विभाग से तत्काल कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन रोकने एवं वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने संबंधी आदेश को वापस लेने को कहा. साथ ही भविष्य में भी इस तरह के आदेश जारी करने से बचने की सलाह दी.
बैंकों को पत्र लिखकर आदेश को नहीं मानने को कहा
राजभवन के प्रधान सचिव ने स्टेट बैंक आफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग के पत्र पर कार्यवाही करने से मना कर दिया है. प्रधान सचिव ने बिहार विवि के रजिस्ट्रार को पत्र लिख कर सूचना दी है कि शिक्षा विभाग के खाता संचालन पर रोक को अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है. शिक्षा विभाग ने 17 अगस्त को इन तीन बैंकों में विवि के सभी खातों पर रोक का पत्र जारी किया था. बीआरए बिहार विवि के ज्यादातर खाते एलएस कॉलेज के स्टेट बैंक शाखा में हैं. खातों में संचालन पर रोक से वेतन और पेंशन की निकासी पर भी खतरा हो सकता था.
बीआरए बिहार विवि के कुलपति, प्रति कुलपति के वेतन रोकने का दिया गया था आदेश
बता दें कि शिक्षा विभाग ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी एवं प्रति कुलपति डॉ रवींद्र कुमार का वेतन बंद करने का आदेश दिया था. साथ ही कुलपति एवं प्रतिकुलपति के वित्तीय अधिकार पर भी रोक लगा दी थी.
गुरुवार को बीआरए बिहार विवि की समीक्षा बैठक थी
दरअसल, राज्य सरकार के निर्देशों के बावजूद बीआरए बिहार विवि द्वारा अपने अधीनस्थ कॉलेजों का इंस्पेक्शन नहीं कराया जा रहा है. विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र भी काफी विलंब से चल रहा है. शैक्षणिक सत्र नियमित करने के लिए परीक्षा और रिजल्ट को लेकर रोस्टर के अनुपालन की रिपोर्ट भी विश्वविद्यालय ने शिक्षा विभाग को नहीं दी है. इन सभी मुद्दों पर ही शिक्षा विभाग द्वारा तय शेड्यूल के तहत गुरुवार को बीआरए बिहार विवि की समीक्षा बैठक तय थी.
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बैठक में नहीं आए थे विवि के कुलपति एवं प्रतिकुलपति
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में शामिल होने वाले विभाग के सभी संबंधित अधिकारी तय समय से घंटों बैठे रहे, लेकिन विवि के कुलपति एवं प्रति कुलपति नहीं आये. रजिस्ट्रार, डीएसडब्ल्यू, परीक्षा नियंत्रक, फाइनेंस ऑफिसर और वित्तीय सलाहकार के अलावा सोशल साइंस व मानविकी संकाय के डीन शामिल होने के लिए पहुंचे थे. विभाग ने इन सभी अधिकारियों को बिना मीटिंग किये वापस कर दिया. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि समीक्षा बैठक का शेड्यूल काफी पहले जारी किया गया था. बावजूद, वीसी और प्रो-वीसी का नहीं आना. कहीं न कहीं अपने काम के प्रति गंभीर नहीं होना दर्शाता है.
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