बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर ने प्रदेश के परंपरागत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दो टूक बता दिया कि विश्वविद्यालयों में शोध की जरूरत है. जिस विश्वविद्यालय में शोध नहीं होता, वह सिर्फ कॉलेज है. उसे विश्वविद्यालय क्यों कहा जाये? कहा कि विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने के लिए ठाेस पहल की जरूरत है. साथ ही हिदायत दी कि निर्धारित टाइम लाइन पर हर हालत में प्रवेश लें. परीक्षा करा लें. मैं हर हाल में सुधार चाहता हूं. अगर कोई समस्या है तो बताइये. उसका समाधान किया जायेगा. कुलाधिपति अरलेकर ने यह बातें राजभवन में सोमवार को आयोजित राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की साढ़े तीन घंटे से अधिक समय तक चली मैराथन बैठक में कही.
राज्यपाल ने सभी कुलपतियों से पार्ट सेशन की जानकारी ली. सत्र 2018-21,20 20-23 और 2021-24 स्नातक की परीक्षाओं की जानकारी ली. कई जगह निराशाजनक मिली. कई जगह अच्छी भी. पीजी कोर्स की भी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि जीरो सेशन की नौबत न आने दी जाये. वहां एक साथ एडमिशन लेकर परीक्षा कराएं. हालांकि कई कुलपतियों ने कहा कि इसमें कई तकनीकी दिक्कत आ सकती हैं.
अरलेकर ने कुलपतियों से कहा कि परीक्षाओं का आयोजन एवं परीक्षाफल का प्रकाशन एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित कराने का निर्देश दिये हैं. एक ही कैलेंडर पर परीक्षाओं का आयोजन और परीक्षा फल प्रकाशित किया जाये. कहा कि सेवांत लाभ के लिए गठित कोषांग को कार्यशील कर सेवानिवृत्त कर्मियों को भुगतान तय समय-सीमा के भीतर करें.
राज्यपाल ने कुलपतियों को अंतर विश्वविद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन प्रत्येक वर्ष बारी-बारी से आयोजित करने के लिए कहा. बिहार के विश्वविद्यालय मिलकर देशभर के विश्वविद्यालयों की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन भी कराएं. कहा कि विश्वविद्यालयों में उन्मुखीकरण शिविर आयोजित किये जायें. प्रत्येक विश्वविद्यालय का एक अच्छी वेबसाइट भी होनी चाहिए. शिक्षकों को टेक्नोसेवी होने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें शिक्षण संबंधी विभिन्न जानकारियों तथा नियमों/परिनियमों से अवगत होना चाहिए.
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अरलेकर ने कहा कि विद्यार्थियों को निर्धारित समय सीमा से बाहर जा कर पढ़ाने की जरूरत है. अगर बच्चों की निजी परेशानियां हैं, तो उनके समाधान के लिए काउंसलिंग का प्रबंध किया जाना चाहिये. राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू विशेष रूप से मौजूद रहे.