पटना. बिहार दिवस में शामिल होने के लिए आये छात्र-छात्राओं की तबीयत खराब होने के मामले में भोजन, आवासन को लेकर कई तरह की लापरवाही सामने आयी है. छात्र-छात्राओं के सोने के लिए कम संख्या में गद्दे थे और कई पर चादर तक नहीं थी. पंखे भी पर्याप्त संख्या में नहीं थे. इसके साथ अत्यधिक गर्मी के बावजूद खाने के लिए सुबह, शाम व रात में तला-भुना खाना मसलन कचौड़ी, कटहल आदि की सब्जी दी गयी.
इसका नतीजा था कि छात्र-छात्राओं की तबीयत खराब हो गयी. यहां तक की पटना कॉलेजिएट स्कूल में बने आवासन केंद्र से छात्र-छात्राओं को 24 मार्च को चार बजे सुबह में ही जबरन गांधी मैदान भेज दिया गया, क्योंकि उस स्कूल में परीक्षा का केंद्र भी था. गर्मी अधिक होने, सुबह में जल्दी उठने, तला-भुना खाना खाने, सोने की सही व्यवस्था नहीं होने, पंखा नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं की तबीयत खराब हो गयी. खास बात यह है कि आवासन व भोजन के लिए बनाये गये नोडल पदाधिकारियों ने कोई भी ध्यान नहीं दिया और अपने अधिकारियों या जिला के अधिकारियों को जानकारी तक नहीं दी.
आवासन व भोजन की लचर व्यवस्था की पोल जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर बनी चार सदस्यीय टीम ने खोल दी है. टीम ने अपनी रिपोर्ट को मंगलवार को जिलाधिकारी को सौंप दिया और फिर वहां से शिक्षा विभाग को भेज दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि इस जांच रिपोर्ट में आवासन व भोजन के लिए बनाये गये नोडल पदाधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है. सारी व्यवस्था बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् की ओर से की गयी थी.
गुरुवार की सुबह से सभी छात्र-छात्राओं की तबीयत खराब थी. सभी के खाने-पीने की व्यवस्था गांधी मैदान में ही की गयी थी. पीने के पानी के लिए 20 लीटर के मिनरल वाटर के बजाय टैंकर की व्यवस्था थी. तबीयत खराब होने से बांकीपुर में रह रहे करीब 25 छात्र-छात्राएं खाना खाने के लिए गांधी मैदान नहीं जा पाये थे. किसी ने आवासन स्थल पर जाकर उन्हें खाना नहीं दिया. जिससे वे लोग गुरुवार को दो बजे दिन तक भूखे रहे. जब जिले की चार सदस्यीय टीम वहां जांच करने पहुंची और सभी के भूखे रहने की बातें सामने आयी. इसके बाद सभी बच्चों को खाना खिलाया गया और पीने के लिए मिनरल वाटर मंगवाया गया.
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विधानमंडल परिसर में शुक्रवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार दिवस पर पहुंचे बच्चे हमारे मेहमान हैं. किसी हाल में उनको परेशानी नहीं होनी चाहिए थी. डॉक्टरों से पता लगा है कि गर्मी और खाने-पीने में कुछ दिक्कत होने से परेशानी हुई है. इसकी जांच करायी जा रही है, जो भी इसके जिम्मेदार होंगे, उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी.