कृष्ण कुमार, पटना. राज्य में एनएच, एसएच, बड़ी जिला सड़क और ग्रामीण सड़कों की लंबाई करीब एक लाख 29 हजार 934 किमी है. इसमें एनएच, एसएच और बड़ी जिला सड़कों की लंबाई करीब 24934.41 किमी और करीब एक लाख 10 हजार 569 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़क शामिल हैं. राज्य से होकर कुल 59 एनएच गुजरती हैं. इनकी लंबाई करीब 5947.84 किमी है. इसमें सबसे लंबा एनएच-31 है. इसकी लंबाई करीब 398 किमी है. वहीं उत्तर प्रदेश सीमा पर सबसे कम लंबा एनएच 727 ए (रामपुर बुर्जग)-मैरवॉ (एनएच-227ए) शामिल है. राज्य में स्टेट हाइवे की लंबाई करीब 3713.97 किमी है. जिला में बड़ी सड़कों की लंबाई करीब 15272.60 किमी है.
ग्रामीण सड़कों पर जोर
राज्य में ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसके तहत कम से कम 100 आबादी वाले बसावटों को भी सड़कों से जोड़ा गया है. कई योजनाओं के तहत काम किया जा रहा है. इसमें ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना, प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क योजना, राज्य योजना, राज्य योजना की अन्य योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं के तहत 2005-06 से 2022-23 तक करीब एक लाख 10 हजार 569 किमी लंबाई में सड़क और 1695 पुलों का निर्माण हो चुका है. इस पर अनुमानित लागत करीब 57 हजार 241 करोड़ रुपये है.
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण
इसके साथ ही राज्य में छह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है. इनका फायदा राज्य के सभी 38 जिलों के लोगों को होगा. केंद्र सरकार से इन सभी के निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है. इस साल निर्माण शुरू होने की संभावना है. इसमें आमस-दरभंगा, वाराणसी-कोलकाता, गोरखपुर-सिलीगुड़ी, रक्सौल-पटना-हल्दिया, पटना-आरा-सासाराम और बाकरपुर-डुमरिया एक्सप्रेसवे शामिल हैं.
आमस-दरभंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण करीब 6927 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से करीब 199 किमी लंबाई में हो रहा है. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 686 किमी और अनुमानित लागत करीब 24 हजार 275 करोड़ रुपये है. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण करीब 32 हजार करोड़ की अनुमानित लागत से करीब 519 किमी लंबाई में होगा. इसका करीब 84 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा. रक्सौल-पटना-हल्दिया एक्सप्रेसवे का निर्माण करीब 695 किमी लंबाई में करीब 54 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से होगा. पटना- आरा- सासाराम एक्सप्रेसवे का निर्माण करीब 118 किमी लंबाई में करीब चार हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से हो रहा है. सारण के बाकरपुर-डुमरियाघाट एक्सप्रेसवे का निर्माण करीब 73 किमी लंबाई में करीब 1542.55 कराेड़ की अनुमानित लागत से होगा.
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बौद्ध और जैन सर्किट का निर्माण
इसके साथ ही राज्य में बौद्ध और जैन सर्किट बनाकर पर्यटकों को आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने की तैयारी है. इसके तहत भगवान बुद्ध और भगवान महावीर से जुड़े स्थलों को एनएच से जोड़ने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है. बौद्ध सर्किट का उत्तर प्रदेश के सारनाथ से बिहार में वैशाली, गया, नालंदा, बांका जिले के भदरिया और भागलपुर जिले में प्राचीन विक्रमशिला महाविहार तक विस्तार किया जायेगा. विक्रमशिला महाविहार से भगवान बुद्ध तिब्बत और सुमात्रा गये थे. इसके साथ ही जैन सर्किट में बिहार के नालंदा जिले में स्थित पावापुरी, जमुई में स्थित जैन मंदिर लछुआर, जैन मंदिर नाथनगर भागलपुर, बासोकुंड वैशाली जैन मंदिर, कुंडलपुर जैन मंदिर, कमलदह जैन मंदिर पटना आदि को जोड़ा जायेगा. इन इलाकों के बौद्ध व जैन सर्किट से जुड़ने के बाद देश-दुनिया के साथ भावनात्मक व सांस्कृतिक संबंध बढ़ने के साथ इन इलाकों का आर्थिक विकास होगा.
राम-जानकी मार्ग
इसके साथ ही अयोध्या और जनकपुरी (नेपाल) के बीच रामजानकी मार्ग का भी निर्माण किया जा रहा है. इस मार्ग का 240 किलोमीटर हिस्सा बिहार में आता है, जिसकी निर्माण लागत करीब 2700 करोड़ रुपये है. इसे 2024 में पूरा होने की संभावना है.