बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्य में बढ़ती गर्मी को लेकर अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की. जहां उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है. इसे ध्यान में रखते हुये सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें. इसके साथ ही उन्होंने भू-जलस्तर पर नजर रखते हुये पेयजल का इंतजाम रखने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को माॅनसून से पहले कटाव निरोधक व बाढ़ सुरक्षात्मक काम पूरा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि नदियों के गाद की उड़ाही और शिल्ट हटाने सहित वृक्षारोपण बढ़ाने को लेकर तेजी से काम करें. मुख्यमंत्री ने यह बातें बुधवार को संभावित बाढ़, सुखाड़ और अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान कही. इसका आयोजन 1 अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में किया गया था.
बैठक में अधिकारियों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग नगर निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण करा दें. इससे उन्हें सभी दायित्वों की जानकारी हो सकेगी और बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा. राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुए सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें. सभी संबद्ध विभाग जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तु स्थिति की जानकारी ले और उसके आधार पर कार्य करें. बचे जिलों में बाढ़ आश्रयस्थल का निर्माण तेजी से करने सहित पिछले साल की तरह इस साल भी बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन कर वस्तुस्थिति की जानकारी लें और उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूरी रखें.
मुख्यमंत्री आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि सभी तैयारियां समय पर पूरी कर इसकी लगातार मॉनीटरिंग करें. इसमें देखें कि क्या-क्या करने की जरूरत है, ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो. हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है. मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि हर घर नल का जल से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें. नदियों के गाद की उड़ाही और शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें. इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण कार्य की सतत निगरानी करें.
आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने नाव संचालन, पॉलीथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रयस्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स, फूड पैकेट्स, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में भी मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं. सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाता है और लोगों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक ने बताया कि इस बार मॉनसून में 96 प्रतिशत औसत वर्षा होने और बिहार में 952 मिलीमीटर वर्षा होने का पूर्वानुमान है. अप्रैल-मई में बिहार सहित देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर या औसत से अधिक रहने की संभावना है. इस अवधि में लू चलने की संभावना है.