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लालू ने मीसा और फैयाज को बनाया प्रत्याशी तो विरोध में उतरे शहाबुद्दीन समर्थक, हीना शहाब ने दी चेतावनी

राजद ने राज्यसभा चुनाव के लिए मीसा भारती और फैयाज अहमद को अपना उम्मीदवार बनाया तो मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब के समर्थन में एक खेमे ने लालू यादव का विरोध किया.

राजद ने राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर लालू-राबड़ी की बड़ी बेटी मीसा भारती और मधुबनी के डॉ. फयाज अहमद को मैदान में उतारा है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इन दोनों को प्रत्याशी बनाया है. शुक्रवार को जहां एक तरफ खुद लालू प्रसाद यादव दोनों उम्मीदवारों के साथ नामांकन दाखिल कराने के लिए विधानसभा गये. वहीं दूसरी ओर एक खेमा लालू प्रसाद यादव के इस फैसले से नाराजगी जाहिर कर रहा है. पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब को उम्मीदवार नहीं बनाये जाने पर राजद को इसका विरोध झेलना पड़ रहा है.

हीना शहाब को टिकट नहीं दिया गया

राजद के बाहुबली सांसद रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन के समर्थन एकबार फिर अब लालू प्रसाद यादव व राजद से खफा हैं. ये नाराजगी है राज्यसभा चुनाव के टिकट को लेकर. दरअसल, मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब के नाम की चर्चा भी इस बार संभावित उम्मीदवारों में थी. लेकिन इसकी संभावना तब समाप्त हो गयी जब राजद ने अपने दोनों उम्मीदवारों के नाम तय कर दिये और हीना शहाब को टिकट नहीं दिया गया.

शहाबुद्दीन समर्थकों में नाराजगी, हीना की चेतावनी

हीना शहाब को राजद ने उम्मीदवार नहीं बनाया तो शहाबुद्दीन समर्थक बेहद नाराज दिखे. उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की. हीना शहाब ने मीडिया से बात की. इस दौरान उनके समर्थक जमकर नारेबाजी करते दिखे. हीना शहाब के समर्थक लालू यादव के खिलाफ नारेबाजी करके अपना गुस्सा जाहिर करते दिखे. इस दौरान हीना शहाब ने भी चेतावनी दे दी कि वो सभी लोगों से राय लेंगी और जो सबकी सलाह होगी वो उसे अमल करेंगी. राजद छोड़ने के सवाल पर हीना शहाब ने ये जवाब दिये.

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मीसा भारती और फैयाज अहमद को प्रत्याशी बनाया

बता दें कि राजद ने संसदीय बोर्ड की बैठक में लालू प्रसाद यादव को उम्मीदवार के चयन के लिए अधिकृत किया था. जब नाम तय कर लिये गये तो हीना शहाब के समर्थकों को नाराज ही होना पड़ा. राजद ने मीसा भारती और फैयाज अहमद को प्रत्याशी बनाया.

शहाबुद्दीन के निधन के समय भी हुआ था विरोध 

इससे पहले भी शहाबुद्दीन समर्थक लालू यादव और तेजस्वी यादव से तब नाराज दिखे थे जब मोहम्मद शहाबुद्दीन का निधन हो गया था और तमाम प्रयासों के बाद भी शहाबुद्दीन के परिजनों को शव बिहार लाने की अनुमति नहीं मिली थी. हालांकि तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने बाद में नाराजगी दूर करने की कोशिश की थी और सभी आपस में गले लगे थे. लेकिन एकबार फिर शहाबुद्दीन परिवार से दूरी बनती दिख रही है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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