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बिहार में हर दिन कितने अपराधी धराये, अब एसपी चेक करेंगे रिपोर्ट, रोज होगी मॉनीटरिंग

इन 10 तरह के अपराधों की श्रेणी में हत्या, डकैती, लूट, रंगदारी, चेन या मोबाइल छीनने, महिलाओं और एससी-एसटी के खिलाफ अपराध समेत अन्य शामिल हैं. इन अपराधों की रोजाना मॉनीटरिंग पुलिस मुख्यालय के स्तर से की जायेगी.

पटना. बिहार की विधि-व्यवस्था चाक-चौबंद बनाये रखने के लिए सभी जिलों को गंभीर श्रेणी के अपराधों पर खासतौर से नकेल कसने के लिए कहा गया है. इन 10 तरह के अपराधों की श्रेणी में हत्या, डकैती, लूट, रंगदारी, चेन या मोबाइल छीनने, महिलाओं और एससी-एसटी के खिलाफ अपराध समेत अन्य शामिल हैं. इन अपराधों की रोजाना मॉनीटरिंग पुलिस मुख्यालय के स्तर से की जायेगी.

पुलिस मुख्यालय का निर्देश 

वहीं, सभी एसपी को पुलिस मुख्यालय के स्तर से खासतौर से आदेश दिया गया है कि वे रोजाना इस बात की मॉनीटरिंग कर रिपोर्ट देखेंगे कि कितने अपराधी रोजाना गिरफ्तार हो रहे हैं और कितने के खिलाफ रोजाना वारंट जारी किये जा रहे हैं. अगर किसी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो क्यों नहीं हुई, इसका कारण भी संबंधित थानों से जानेंगे. समीक्षा में यह भी देखा जायेगा कि कितने वारंट एक महीने के अंदर, कितने एक से तीन महीने और कितने तीन महीने से अधिक समय से लंबित हैं.

रोजाना मॉनीटरिंग होगी

इसी तरह कुर्की-जब्ती के मामले की भी रोजाना मॉनीटरिंग होगी. इस मामले को लेकर डीजीपी एसके सिंघल ने पुलिस मुख्यालय और सभी जिलों के एसपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से गहन समीक्षा बैठक की. इसके बाद गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय के स्तर से संयुक्त आदेश सभी जिलों के लिए जारी किया गया है. प्रत्येक दो सप्ताह में गंभीर मामलों की मॉनीटरिंग एसपी अपने स्तर से करेंगे.

गंभीर मामलों में तुरंत हो अनुसंधान

सभी जिलों को चुस्त पुलिसिंग को लेकर जारी आदेश में कहा गया है कि गंभीर मामलों का अनुसंधान तुरंत करायें. आरोप-पत्र निर्धारित समय में दाखिल किये जाये. साथ ही इनका ट्रायल भी त्वरित गति से कराया जाये. डीएम और एसपी की संयुक्त बैठक में फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामलों के निष्पादन की गति और मौजूदा स्थिति की सही तरीके से समीक्षा की जाये. जिला विधिक अनुश्रवण समिति की बैठक में तुरंत निबटाये जाने वाले मामलों की समीक्षा करें.

सभी जिले इन बातों पर देंगे खास ध्यान

सभी थानों में वाहन और पैदल गश्ती दल की व्यवस्था हो. इसके लिए एक रोस्टर तैयार कर ड्यूटी लगायी जाये और गश्ती का रूट निर्धारित हो. गश्ती के दौरान फरार चल रहे अपराधियों के बारे में रोजाना पूछताछ की जायेगी. बाजार में लोगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से विधि-व्यवस्था के बारे में जानकारी लेंगे.

जेल में बंद अपराधियों की लगातार हो निगरानी

जिला प्रशासन 15 दिन में एक बार औचक निरीक्षण करेगा. कुख्यात अपराधियों पर सीसीए लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार किये जाये. जेल में मुलाकातियों पर खासतौर से नजर रखी जाये. वरीय अधिकारी करेंगे क्षेत्र भ्रमण और निरीक्षण. थाना का औचक निरीक्षण से लेकर पूरे इलाके का भ्रमण करेंगे. लोगों से फीडबैक भी लेंगे.

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