बिहार में इस साल दक्षिणी-पश्चिमी माॅनसूनी बारिश औसत से कम होगी. कुछ एक जिलों में ही औसत बारिश संभव है. आइएमडी की तरफ से मंगलवार को जारी प्रारंभिक पूर्वानुमान में साफ तौर पर बता दिया कि प्रदेश में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां सामान्य या इससे से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान हो.
अल नीनो की स्थिति हो रही विकसित
आइएमडी पटना की तरफ से जारी आधिकारिक बुलेटिन में वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुमार ने बताया कि आइएमडी मई के अंतिम सप्ताह में माॅनसूनी बारिश को लेकर एक बार फिर अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा. रिपोर्ट में बताया गया कि फरवरी और मार्च में इस साल उत्तरी गोलार्ध में बर्फ से ढके क्षेत्र सामान्य से कम पाये गये हैं. इस घटनाक्रम का मॉनसून के साथ सामान्य तौर पर विपरीत संबंध होते हैं. साथ ही पूर्वानुमान में कहा गया है कि वर्तमान में ला नीना तठस्थ हो गया है. रिपोर्ट में खतरनाक संकेत यह दिया गया है कि कि मानसून के दौरान अल-नीनो की स्थिति विकसित होने की संभावना है.
14-15 अप्रैल से लू चलने की आशंका
इधर बिहार में 14-15 अप्रैल से लू चलने की आशंका है. ऐसी स्थिति उसके तीन-चार दिनों तक जारी रहेगी. इधर मंगलवार को दक्षिणी बिहार में पारा 39-40 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. मंगलवार को प्रदेश का सर्वाधिक तापमान 39.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा सर्वाधिक तापमान पटना और डेहरी में 39.2, गया में 39.5, जमुई, औरंगाबाद और बांका में 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
देश में 96 फीसदी रहेगा मॉनसून
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (जून से सितंबर) के दौरान सामान्य बारिश देखने को मिल सकती है. मॉनसून इस बार 96 फीसदी (इसमें पांच प्रतिशत ऊपर या नीचे हो सकता) रहेगा aऔर देश में इस बार औसत 87 सेमी की लंबी अवधि बारिश होगी.