बिहार सरकार ने जेलों में हुई अनियमितता के मामले में सिर्फ अप्रैल महीने में 65 जेल पदाधिकारियों पर लगे आरोपों की सुनवाई की है. इस दौरान तीन जेल पदाधिकारी बर्खास्त हुए, जबकि 28 की पांच से लेकर दो वेतन वृद्धि पर रोक लगायी गयी है. आरोपों की सुनवाई करते हुए गृह विभाग ने रिटायर हो चुके कर्मियों से भी उनकी पेंशन राशि का पांच से दस प्रतिशत तक कटौती का आदेश दिया है. यह कटौती पांच वर्षों तक लगातार होगी. इसके साथ ही छह पदाधिकारी निलंबित किये गये, जबकि छह का निलंबन अगले चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. दो को निंदन और दो को चेतावनी की सजा मिली है, जबकि छह पदाधिकारियों को आरोपमुक्त भी किया गया है.
अप्रैल माह में अनियमितता के आरोपों में सर्वाधिक 47 कक्षपालों के मामलों से संबंधित सुनवाई हुई. इसके साथ ही नौ उच्च कक्षपाल, पांच उपाधीक्षक, चार सहायक अधीक्षक और दो अधीक्षक के ऊपर लगे आरोपों पर भी निर्णय लिया गया. अप्रैल 2022 में बेऊर जेल में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह के वार्ड से मोबाइल बरामदगी मामले में तीन कक्षपालों विकास चंद्र सिंह, बीरेंद्र कुमार और सुरेंद्र कुमार का निलंबन वापस लेते हुए उनको दो से तीन वेतन वृद्धि पर रोक की सजा दी गयी है. खगड़िया मंडल कारा में बंद कैदी रणवीर यादव के इलाज के दौरान अस्पताल छोड़ कर गायब होने वाले एक उच्च कक्षपाल और दो कक्षपाल को निलंबन मुक्त करते हुए उन पर विभागीय कार्यवाही जारी रखी गयी है.
विभाग ने वीरपुर उपकारा में तैनाती के दौरान मार्च 2021 में नशे में पकड़े गये उच्च कक्षपाल और कक्षपाल को पांच वेतन वृद्धि पर रोक के साथ ही पांच वर्षों तक प्रोन्नति पर रोक की सजा दी है. हालांकि, उनका निलंबन वापस ले लिया गया है. सीतामढ़ी मंडल कारा में बंदी के जन्मदिन मनाते वीडियो वायरल के मामले में आठ कक्षपाल व उच्च कक्षपालों को वेतन वृद्धि में रोक की सजा मिली है.
Also Read: बिहार: शराबबंदी के नियमों में फिर हुआ बदलाव, शराब के साथ पकड़े गये वाहन के मालिकों को मिलेगी राहत
31 मार्च , 2023 को बेऊर जेल से कचरे की गाड़ी में छिप कर कैदी के फरार होने के मामले में गृह विभाग ने पांच कक्षपालों सुनील कुमार, प्रदीप कुमार, चंदन कुमार, दिलीप कुमार ठाकुर और जयप्रकाश पासवान को निलंबित करते हुए इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्देश दिया है.