पटना : गलवान हमले में अपने कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू के शहीद होने के बाद बिहार रेजिमेंट के जवानों का रौद्र रूप सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपने सीओ की शहादत से गुस्साये भारतीय सैनिकों ने एक-एक कर 18 चीनी सैनिकों की गर्दनें तोड़ दीं. एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि कम-से-कम 18 चीनी सैनिकों के गर्दनों की हड्डियां टूट चुकी थीं और सर झूल रहे थे. अपने कमांडर की वीरगति प्राप्त होने से गुस्साये भारतीय सैनिक इतने आक्रोशित हो गये कि सामने आने वाले हर चीनी सैनिक का वो हाल किया कि उनकी पहचान कर पाना भी संभव नहीं रहा. बिहार रेजिमेंट के जवानों का यह रौद्र रूप देखकर सैकड़ों की तादाद में मौजूद चीनी भागने लगे और घाटियों में जा छिपे, जिसके बाद भारतीय जवानों ने पीछा कर उन्हें पकड़-पकड़ कर मारा. इस दौरान भारतीय सैनिक चीन के अधिकार क्षेत्र में पहुंच गये थे. जिन्हें बाद में चीन ने वापस भेजा.
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गलवान पर चीन का दावा झूठा, भारत ने कहा- सभी निर्माण हमारी सीमा में
भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर संप्रभुता को लेकर चीन के दावे को खारिज किया है. साथ ही पड़ोसी देश से स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘बढ़ा-चढा कर व झूठे’ दावे करने के उसके प्रयास स्वीकार्य नहीं हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि गलवान घाटी पर चीन का दावा अतीत की स्थिति के अनुरूप नहीं है. वैसे भी गलवान की स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है. यह घाटी भारत का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि चीन द्वारा अतिक्रमण के किसी भी प्रयास का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है. सेना घाटी समेत भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एलएसी की स्थिति से पूरी तरह परिचित हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)के पार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है. भारतीय सैनिक लंबे समय से इस इलाके में गश्त करते रहे हैं और कोई घटना नहीं हुई.
हम हर स्थिति से निबटने को तैयार – वायुसेना प्रमुख
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उपयुक्त जगह पर तैनात है.