बिहार में वायरल फीवर का कहर बच्चों को अधिक सताने लगा है. राजधानी पटना के अस्पतालों में 1200 से अधिक बच्चे वायरल बुखार, निमोनिया आदि से पीड़ित होकर भर्ती हैं. वहीं मोतिहारी में जापानी इंसेफेलाइटिस का एक केस सामने आने से हड़कंप मचा है.
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में एइएस के बाद अब जापानी इंसेफेलाइटिस का केस सामने आया है. मंगलवार को एक बच्चे में जेई की पुष्टि होने से हड़कंप मचा हुआ है. पीड़ित बच्चा पूर्वी चंपारण जिले का है जिसकी उम्र 11 वर्ष है. तीन सितंबर को गंभीर हालत में उसे मोतिहारी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसे बाद में एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया था. बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया है. मुजफ्फरपुर में वायरल बुखार से 30 और बच्चे पीड़ित होकर भर्ती हुए हैं कुल 178 बच्चों का एसकेएमसीएच अस्पताल में इलाज चल रहा है.
राजधानी पटना के अस्पतालों में भी बीमार बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में 238 भर्ती बच्चों का इलाज चल रहा है.एनएमसीएच में 84 बेडों पर 87 मरीज भर्ती हैं. निमोनिया व बुखार पीड़ित लगभग 31 नवजात व बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञ भी हैरान हैं कि कोविड काल में पहली बार वायरल फीवर ने इस तरह से बच्चों को जकड़ा है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों जिलों में वायरल बुखार तेजी से पांव पसारने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अब इसकी जांच कराने की तैयारी कर ली है. बुखार की चपेट में बच्चे अधिक बच्चे आ रहे हैं. इसे देखते हुए विभाग ने निर्णय लिया है कि बच्चों में होनेवाली बुखार के कारणों की तलाश की जाये.
अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा डाक्टरों की टीम भेजकर इसकी जांच करायी जायेगी कि बुखार का वास्तविक कारण क्या है. अब तक इस तरह के बुखार की चपेट में आनेवाले बच्चों की उम्र छह वर्ष से 14 वर्ष के बीच है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan